स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही नहीं चलेगी: डीएम राजेश पाण्डेय का सख़्त संदेश, कमजोर प्रगति पर जताई नाराज़गी

उरई। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं, पोर्टल प्रगति और वित्तीय व्यय की गहन समीक्षा की गई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा लागू एसएनए स्पर्श पोर्टल के माध्यम से नई लेखा व्यवस्था के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 की स्वीकृत कार्ययोजना के अनुरूप प्राप्त लिमिट के अनुसार कर्मचारियों का वेतन एवं आशा मानदेय का भुगतान नवम्बर 2025 तक पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही 19 अन्य मदों में धनराशि के व्यय की प्रक्रिया प्रगति पर है। जननी सुरक्षा योजना एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम के लाभार्थियों के भुगतान की समीक्षा भी कार्यकारी समिति स्तर पर की गई।

आरसीएच पोर्टल की समीक्षा के दौरान एचएमआईएस की तुलना में कम प्रगति पाए जाने पर जिलाधिकारी ने नाराज़गी जताई और निर्देश दिए कि वर्क प्लान पोर्टल से जनरेट कार्ययोजना के अनुसार सभी आंकड़े समय से पोर्टल पर अपडेट किए जाएं। बैठक में यह भी बताया गया कि बच्चों के पंजीकरण में सुधार हुआ है और प्रगति 75 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

जननी सुरक्षा योजना की भौतिक प्रगति में कदौरा, कोंच, जालौन, कालपी, माधौगढ़, कुठौन्द एवं मेडिकल कॉलेज की न्यूनतम प्रगति पर जिलाधिकारी ने 15 दिवस के भीतर शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वहीं एचएमआईएस पोर्टल पर कमजोर प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों को राज्य औसत से बेहतर प्रगति लाने के निर्देश दिए गए। साथ ही सभी चिकित्सकों को ओपीडी एवं लैब टेस्ट की प्रगति रिपोर्ट में सुधार लाने को कहा गया।

एफबीएनसी पोर्टल के अंतर्गत एनआरसी कार्यक्रम की समीक्षा में बेड ऑक्यूपेंसी दर मात्र 60 प्रतिशत पाई गई, जिसे अत्यंत कम बताते हुए जिलाधिकारी ने कुपोषित बच्चों की पहचान कर जिला चिकित्सालय स्थित एनआरसी में भर्ती कराने के निर्देश दिए। प्रत्येक ब्लॉक को न्यूनतम 25 बच्चों प्रतिमाह एनआरसी में भर्ती कराने तथा सीएचसी कोंच, कालपी, जालौन, माधौगढ़ सहित जिला महिला एवं पुरुष चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञों को ओपीडी से न्यूनतम 10 बच्चों की पहचान कर भर्ती सुनिश्चित करने को कहा गया।

ई-कवच पोर्टल के तहत बीएचएसएनडी सत्रों में एएनसी पंजीकरण की समीक्षा में छिरिया, कदौरा, पिण्डारी, महेवा एवं नदीगांव इकाइयों की प्रगति जनपद औसत से कम पाई गई, जिस पर तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए। वहीं एफबीएनसी पोर्टल के अंतर्गत एसएनसीयू व एनबीएसयू इकाइयों की समीक्षा में सीएचसी जालौन एवं माधौगढ़ में कम एडमिशन व बेड ऑक्यूपेंसी मिलने पर कड़ी चेतावनी दी गई।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि आगामी माह में यदि सभी स्वास्थ्य इकाइयों की प्रगति में ठोस सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी देवेंद्र भिटौरिया, सीएमएस आनंद उपाध्याय सहित संबंधित अधिकारी एवं चिकित्सक उपस्थित रहे।

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