रामपुरा –उरई । रामपुरा नगर में एसओजी टीम एवं रामपुरा थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए जुआ में बरामद धनराशि में हेरा फेरी की चर्चा के बाद पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष रामपुरा व दो कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है ।
ज्ञात हो कि रामपुरा में लगभग 4 माह से वावन पत्ती (जुआ) का खेल धडल्ले से हो रहा था जिसकी चर्चा आम जनमानस में सामान्य ढंग होती रहती थी जिसमें चलते फिरते लोग आरोप लगा देते थे कि यह सब रामपुरा पुलिस की सरपरस्ती में हो रहा है , जब इस प्रकार की चर्चा जिला मुख्यालय पर पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंची तो उच्चाधिकारियों के निर्देशन में एक रणनीति के तहत एसओजी टीम एवं रामपुरा थाना पुलिस के द्वारा जुआ के फड़ पर छापा मारकर 17 जुआरियों को जुआ खेलते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया । पुलिस की इस अप्रत्याशित कार्यवाही से क्षेत्र में आश्चर्य की लहर व्याप्त हो गई कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन जब यह पुष्टि हुई कि यह अफवाह नहीं सच में जुआ पकड़ा गया तो लोगों ने इस कार्यवाही की प्रशंसा करते हुए अनुमान लगाया कि जुआ में जिन लोगों को पकड़े जाने की चर्चा है उनकी हैसियत और बाजी लगाने की कुव्वत को देखते हुए निश्चित ही इस जुआ के फड़ एवं जुआरियो के कब्जे से कम से कम 70 – 80 लाख रुपया बरामद हुआ होगा । लेकिन पुलिस द्वारा जुआरियों के कब्जे से मात्र पांच लाख रुपया बरामद होना दिखाया गया । जुआ के फड़ से पकड़े गए लोग लाखों का दाँव लगाने वाले जगत प्रसिद्द इतने बड़े खिलाड़ी थे कि उन सबके कब्जे से मात्र 5 लाख रुपए बरामद हों यह बात किसी के गले नहीं उतरी | चाय ,पान ,होटल ,चौपालों पर लोग चर्चा करने लगे कि इतनी छोटी रकम के जुआ के फड़ तो रामपुरा क्षेत्र में अनेक जगह छुट भैये जगह जगह सजाये रहते हैं | सो जुआ पकड़ने वाली पुलिस टीम एवं रामपुरा थाना अध्यक्ष के लिए यह गुडवर्क गले की हड्डी बन गया , इस गुडवर्क में पुलिस टीम द्वारा फीलगुड किये जाने की चर्चाएँ जोरों से क्षेत्र में चल पडी । इसकी भनक पुलिस अधीक्षक डॉक्टर दुर्गेश कुमार के कानों तक भी जा पहुँची | उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच दो राजपत्रित अधिकारियों से करवाई तो प्रथम दृष्टया रामपुरा थानाध्यक्ष योगेंद्र कुमार पटेल एवं कांस्टेबल विनय चौहान ,कांस्टेबल मोहित तिवारी दोषी माने गए | पुलिस अधीक्षक ने तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।