माधौगढ़-मंडलायुक्त झांसी ने जालौन की नदियों में आई बाढ़ से हुए नुकसान का निरीक्षण कर पीड़ित ग्रामीणों से मुलाकात की व राहत सामग्री का वितरण कर बाढ़ के पानी के उतरने के बाद फैलने वाली बीमारियों से सजग रहने को कहा ।
मंडलायुक्त झांसी विमल कुमार दुबे ने आज जनपद जालौन के बाढ़ पीड़ित रामपुरा कोंच नदीगांव क्षेत्र का भ्रमण कर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करके राहत सामग्री का वितरण किया ।रामपुरा में आईटीआई पर बने अस्थाई राहत शिविर में मौजूद अनेक गांवों के बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें राहत सामग्री का वितरण करते हुए आश्वस्त किया कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी , तदुपरांत रामपुरा स्थित कान्हा गौशाला पर पहुंचकर मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी जालौन ने गायों को चना और गुड़ खिलाया । जिला प्रशासन के सौजन्य से बाढ़ पीड़ितों को भोजन के लिए कान्हा गौ शाला में संचालित अस्थाई किचन में बन रहे रहे भोजन की गुणवत्ता को चखकर परखा एवं व्यवस्था की सराहना की । मंडलायुक्त ने पांच नदियों के संगम स्थल पंचनद पर पहुंचकर अलग-अलग नदियों (यमुना,चंबल,सिंध,क्वांरी,पहूज) की उफनती जलधाराओं को देख जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडे से प्रत्येक नदी में पानी की स्थिति एवं बाढ़ से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की । इस अवसर पर मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने बताया कि वर्षा ऋतु के जाते-जाते विभिन्न नदियों में आई बाढ़ के कारण लगभग 20 गांव प्रभावित हुए हैं लेकिन कोई जनहानि या पशु हानि नहीं हुई है। जो बीस गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है उनके निवासियों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है एवं उनके भोजन पानी का समुचित प्रबंध किया गया है । उन्हे खाना बनाने हेतु आटा चावल दाल मसाला गुड़ चना आदि आवश्यक खाद्यान्न का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया की नदियों में बड़े हुए पानी का जलस्तर घटना प्रारंभ हो गया है आने वाले दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी । मंडलायुक्त श्री दुवे ने सावधान किया कि बाढ़ का पानी घटने के बाद नदियों के तटवर्ती इलाकों में संक्रामक बीमारियों के फैलने की संभावना बनी रहती है इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की अनेक टीम सक्रिय है जगह-जगह चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं एवं बीमारियों से बचाव हेतु स्वास्थ्य किट वितरित की जा रही है इसमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव हेतु दवाएं उपलब्ध है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एन डी शर्मा को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई हीला हवाली ना हो । इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों से भी अपेक्षा की कि पानी के उतरने बाद नदियों के तट पर ना जाएं क्योंकि पानी के उतरने के बाद वहां अनेक प्रकार की गैस निकलती है जिससे बीमारी फैलने की संभावना रहती है। मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पांडे के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जैसे ही नदियों में पानी बढ़ने की सूचना मिली तत्काल एनडीआरफ के जवान एवं 20 मोटरबोट की मदद एवं जिलास्तरीय संसाधनो से हर स्थिति से निपटने की योजना को मूर्ति रूप दिया गया । बाढ़ से कृषि क्षेत्र में हुई खेती के नुकसान की क्षतिपूर्ति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि लगभग 2200 हेक्टेयर फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है । पानी उतरने के बाद हुए नुकसान का सर्वे करवाया जाएगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पांडे ,अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार , अपर जिलाधिकारी जालौन , मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० एन डी शर्मा, उप जिलाधिकारी सुरेश कुमार पाल , क्षेत्राधिकारी माधौगढ़ रामसिंह ,तहसीलदार/खंड विकास अधिकारी पवन पटेल (पीसीएस), प्रदीप कुमार राजपूत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी रामपुरा सहित स्थानीय अनेक अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।