जगम्मनपुर –उरई । लगातार तीन दिन तक घनघोर वर्षा के उपरांत अनेक नदियों में बाढ़ के पानी ने अपने तेवर दिखाते हुए कई गांव चारों ओर से घेर लिये हैं जिसके कारण अनेक गांव का आवागमन के मुख्य मार्ग पर जल भराव होने से संपर्क टूट गया है ।
रामपुरा क्षेत्र की पांच नदियों में इस बार सर्वाधिक बाढ़ पहूज नदी में आई इसके कारण ग्राम जायघा , विलौड़ , हुकुमपुरा, सुल्तानपुरा, जखेता, कूसेपुरा मोहब्बतपुरा, कंजौसा आदि गांव चारों और पानी से गिर गए हैं, वही कंजौसा और जायघा एवं नदिया पार के चार गांव के सड़क मार्ग पर पानी भर जाने से इनका आवागमन संपर्क टूट गया है। हालांकि पहूज नदी के अतिरिक्त सिंध नदी में भी जल स्तर तेजी से बढ़ा है किंतु अभी यमुना चंबल और कुंवारी नदी में जलस्तर बहुत अधिक न होने से वर्ष 2019-20 में आई बाढ़ की तुलना में पानी का जलस्तर लगभग पांच मीटर नीचे है जिससे वर्तमान में किसी तरह का संकट उत्पन्न नहीं हुआ है। फिर भी ग्रामीणों को आशंका है कि यदि नदियों में पानी का स्तर इसी प्रकार बढ़ता गया और स्थिति 2019-20 जैसी भयावह हुई तो जन जीवन संकट में पड़ जाएगा । बाढ़ की इस संभावित आपदा से निपटने एवं उसके बचाव के लिए बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों ने स्व प्रयास करना प्रारंभ कर दिए हैं । अपने घरों का खाद्यान्न एवं तमाम सामान सुरक्षित स्थानों पर रखना प्रारंभ कर दिया है । पशुओं की सुरक्षा हेतु उनके लिए ऊंचे स्थानों पर भोजन पानी का भी प्रबंध प्रारंभ किया जा रहा है ताकि बाढ़ की इस आपदा में अपने परिवार एवं पशुधन के जीवन की सुरक्षा की जा सके।
*प्रशासन अलर्ट मोड में*
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पाण्डेय में निर्देशन में जनपद के अनेक जिम्मेदार आला अधिकारी एवं परगनाधिकारी अपने मातहत कर्मचारियों के साथ लगातार क्षेत्र भ्रमण कर स्थिति पर दृष्टि बनाए हैं । जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक स्वयं बाढ़ प्रभावित गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर ग्रामीणों से संपर्क कर सुरक्षा के प्रति आश्वस्त कर रहे है। समस्त बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मोटरबोट एवं छोटी नौकाओं का प्रबंध किया गया है ताकि किसी प्रकार के संभावित संकट में बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों को समुचित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
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बाढ़ के पानी के कारण ग्राम जायघा के आने जाने के समस्त रास्ते पूर्णता बंद हो चुके हैं अधिक वर्षा के कारण जगम्मनपुर की ओर जाने वाला कच्चा रास्ता भी दलदली एवं दुर्गम हो गया है । गांव में तीन दिन से लाइट न आने से ग्रामीणो को संकट का सामना करना पड़ रहा है । विषैले जन्तु व सर्पो का खतरा बढ गया है ।बीमाार बुजुर्ग व बच्चों को चिकित्सा के लिए रामपुरा या जगम्मनपुर ले जा पाना असंभव हो रहा है ।
*सौरभ सिंह राजावत प्रधान जायघा*
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बाढ़ के पानी के कारण जिला जालौन से संपर्क टूट गया है। तीन दिन से नदिया पार के चारों गांव में अंधेरा है । गांव के चारों ओर खेतों में पानी भरा होने के कारण बाजरा तिली अरहर मूंग उरद आदि की फसले बर्बाद हो गई है । बाढ़ का पानी उतरने के बाद बीमारी फैलने की संभावना है ।
*भोदल सिंह ग्राम प्रधान बिलौड़*
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*ग्रामीण घबराएं नहीं बाढ़ का पानी स्थिर*
उप जिलाधिकारी माधौगढ़ सुरेश कुमार पाल ने बताया की बाढ़ के पानी में स्थिरता आयी है फिलहाल पानी बढ़ने की संभावना नहीं है ,इस स्थिति को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि अब पानी कम होना प्रारंभ हो जाएगा इसके बावजूद प्रशासन नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरतते हुए निरंतर भ्रमण कर किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए कटिवद्ध है। माधौगढ़ तहसील क्षेत्र के समस्त अधिकारी लेखपाल व कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं।
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पंचनद के रास्ते इटावा जाने का रास्ता बंद*
पंचनद कंजौसा मार्ग से इटावा भिंड आगरा आदि जाने वाले रोड पर जगम्मनपुर पंचनद कंजौसा व भिटौरा से पंचनद कंजौसा के बीच रास्ते में सड़क पर 3 से 4 फुट गहरा पानी भर जाने के कारण रास्ता बंद हो गया है।