लन्दन | 7 जून को हाउस ऑफ लंदन में परमार्थ संस्थान ने पिछले 27 वर्षों में किए गए जल एवं पर्यावरण संरक्षण के कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर लंदन के कई संगठन, मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट और मीडिया के विशेष लोग उपस्थित रहे। इस दौरान समुदाय के सहभागी ढंग से जल संरक्षण एवं जल सहेलियों द्वारा किए जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया गया। उपस्थित सभी लोगों ने इन कार्यों की सराहना की और भारत में जल संरक्षण के प्रयासों को लेकर कई प्रश्न पूछे तथा अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया।
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए एक फॉरेस्ट रेस्टोरेशन कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खाद्यान के लिए जंगलों की महत्ता और समाज के लिए जंगलों को बचाने की आवश्यकता को रेखांकित करना है। यह कार्यक्रम अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, यूरोप और भारत जैसे देशों में प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम में जल, जंगल, और जमीन की बात स्थानीय सहयोग से की जाएगी।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए लंदन और यूरोप के कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों एवं संगठनों ने सहमति बनाई है। उनका मानना है कि स्थानीय सहयोग से ही जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है और जल, जंगल तथा जमीन का संरक्षण संभव हो सकता है |