0 चोरियों और हत्याओं को लेकर भी सुर्खियां बटोरी विदा होते वर्ष ने
कोंच-उरई। गुजरा साल कई खट्टी मीठी यादों को अपने आंचल में समेटे विदा हो रहा है। पुलिस की सफलताओं और नाकामियों का मिला जुला अनुभव छोड़ कर जा रहा है बीता साल। अगर क्राइम के मद्देनजर दृष्टिपात करें तो गुजरा बर्ष छेड़खानियों का साल रहा जिसमें पॉक्सो एक्ट कमोवेश पचास प्रतिशत मामलों में आयद किया गया। चेरियों की ऐसी बाढ आई कि पुलिस डेढ दर्जन मामलों में केवल एक का ही खुलासा कर सकी, वह भी एसओजी के खाते में गई। लूट, हत्या और अज्ञात शवों के मिलने की भी वारदातें सामने आईं जिनमें पुलिस कोई बड़ा कमाल नहीं कर सकी और शवों की शिनाख्त दूर की कौड़ी ही बनी रही।
वर्ष 2016 अलविदा कहते कहते कई अनुत्तरित सवाल छोड़ कर जा रहा है जिनके जबाब इलाकाई पुलिस निश्चित रूप से निकट भबिष्य में देने की स्थिति में शायद हो पाये। बीते साल में सर्वाधिक 17 मामले छेड़खानी के आये जिनमें आठ मामलों में पॉक्सो एक्ट और दो में अनुसूचित जातिध्जनजाति उत्पीडन निवारण अधिनियम में लिखे गये। 12 अप्रैल को सामने आये मामले में थाना नदीगांव अंतर्गत ग्राम हिंगुटा में 13 बर्षीय किशोरी के साथ एक 70 वर्षीय वृद्ध डरा धमका कर तीन माह तक दुष्कर्म करता रहा। 8 मई को कोंच के आराजीलेन में 7 बर्षीय बालिका के साथ दिनदहाड़े छेड़खानी की गई, तो इसी इलाके में 25-26 जुलाई की रात नाबालिग के साथ बलात्कार का मामला सामने आया। 24 मई को ग्राम पनयारा में नाबालिग के साथ छेड़खानी की गई तो 25 जुलाई को कस्बे की बीए की छात्रा को एक हाफिज अगवा कर ले गया। पुलिस के लिये सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहीं 19 चोरियां जिनमें से केवल एक चोरी का खुलासा ही हो सका वह भी एसओजी टीम ने किया। इनमें सबसे ज्यादा मामले कस्बा कोंच में हुई दुस्साहसिक ताबड़तोड़ चोरियों के रहे जिनमें पुलिस अभी तक किसी भी चोरी का अनावरण कर पाने में पूरी तरह से विफल रही है। लूट की दो वारदातों के मामले में पुलिस की पीठ ठोंकी जा सकती है क्योंकि दोनों ही मामलों का खुलासा कर आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। बर्ष 2016 का स्वागत तहसीलदार आवास परिसर में एक युवक की हत्या से हुआ जिसमें आरोपी ने कत्ल के ठीक बाद खुद ही कोतवाली में आकर सरेंडर कर दिया था। इलाके में हुई चार हत्याओं में ऑनर किलिंग का भी एक मामला काफी चर्चित रहा जिसमें आरोपी मृतक छात्रा का बाप ही निकला। 24-25 सितंबर की रात ग्राम अंडा में हुई 65 बर्षीय वृद्घ की हत्या के मामले में हालांकि दो आरोपी जेल में हैं लेकिन वादी का आरोप है कि पुलिस ने सही खुलासा नहीं किया और मुख्य आरोपी अभी भी बाहर घूम रहे हैं।
इंसेट में-
सांम्प्रदायिक आग में जाते जाते बचा था कोंच
गुजरी 5-6 मार्च की रात लाला हरदौल की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर भारी बबाल हुआ, अराजक तत्वों ने कोंच कस्बे का सांम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडने की पुरजोर कोशिश की और वे अपने नापाक इरादों में काफी हद तक इस मायने में सफल भी माने जा सकते हैं कि घटना के बाद 6 मार्च की सुबह हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आये और जमकर नारे बाजी की। कस्बे के भगतसिंह नगर इलाके में बने मंदिर में रखी लाला हरदौल की मूर्ति तोड़ दी गई थी, साथ ही पास के हनुमान मंदिर में शराब पीने और चोरी की घटना को अंजाम दिया जिससे स्थानीय लोगों को आक्रोश भड़क गया। गुस्साये लोगों ने सड़कों पर आकर जमकर हंगामा किया। पुलिस और प्रदर्शन कारियों के बीच चूहे बिल्ली का खेल घंटों चला और उन्होंने प्रशासन को खूब छकाया। आधा दर्जन थानों की फोर्स और पीएसी ने संभाला था मोर्चा, सभी आला अधिकारी भी पहुंचे थे मौके पर तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।
इंसेट में-
कोंच-एट रेल लाइन के विस्तार को रेल बजट में मंजूरी
गुजरा साल कोंच इलाके के लोगों के लिये रेल सेवा के मामले में खुशफहमी भरा माना जा सकता है, 24 फरवरी को पेश रेल बजट में मौजूदा मोदी सरकार के रेल मंत्री सुरेश प्रभु की कृपा जालौन खासतौर पर कोंच पर बरसी। कोंच को भिंड से जोड़ते हुये नई रेल लाइन बनाने को मंजूरी देकर उन्होंने इलाकाई बाशिंदों को खुश कर दिया और उनमें अच्छे दिन आने की उम्मीद जागाई थी। इस उपलब्धि के लिये श्रेय देने की अगर बात की जाये तो भिंड सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद का यह ड्रीम प्रोजेक्ट रहा और वे इस लाइन को बनवाने की मुहिम में लगे थे। इस नई रेल परियोजना को स्वीकृत कराने में उनके अहम् योगदान भुलाया नहीं जा सकता। इसके अलावा जालौन-गरौठा-भोगनीपुर सांसद भानुप्रताप वर्मा, पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी आदि के समय समय पर किये जाने बाले समवेत् प्रयासों का ही प्रतिफल है कि कोंच से आगे भी रेल लाइन जाने का रास्ता साफ हो सका है। अब लोगों को इस प्रोजेक्ट के धरातल पर आने का बेसब्री से इंतजार है।






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