0 श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन कही सुदामा चरित्र की कथा
कोंच-उरई। यहां बड़ी माता मंदिर में भक्ति और आनंद की ऐसी बरसात हो रही है कि भक्त श्रोता विभोर होकर नाचने लगते हैं। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के अंतिम दिवस कथा प्रवक्ता पं. विष्णुकांत शास्त्री ने भगवान द्वारिकाधीश के विवाहों की आनंददायी कथायें सुना कर जहां श्रोता समुदाय को आनंदित किया वहीं सुदामा चरित्र की कथा में उन्होंने श्रोताओं को इतना भावुक कर दिया कि उनके नेत्रकोर गीले हो गये। मंदिर कं नौदेवी मंडप में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपादित किये जा रहे हैं।
श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के दौरान शुक्रवार कोअंतिम दिवस की कथा में कथा प्रवक्ता पं. बिष्णुकांत शास्त्री ने भगवान द्वारिकाधीश के विवाहों की बड़ी ही रोचक और आनंददायी कथायें सुना कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने रुक्मिणी हरण की कथा काफी विस्तार से सुनाते हुये कहा कि रुक्मिणी का विवाह उनकी इच्छा के विपरीत होने बाला था लेकिन मन ही मन वह द्वारिकाधीश को अपना पति मान चुकी थीं। विवाह की तैयारियों के बीच रुक्मिणी ने द्वारिकाधीश को अपने मन का संकल्प बताते हुये संदेश भेजा और द्वारिकाधीश ने उनका हरण कर उनके साथ विवाह किया। भगवान द्वारिकाधीश ने सत्यभामा, कालिंद्री, जाम्बबंती आदि से भी विवाह रचाये, इस प्रकार उन्होंने सोलह हजार एक सौ आठ विवाह किये। उन्होंने सुदामा चरित्र का मार्मिक चित्रण कर श्रोताओं को भावुक कर दिया। भगवान द्वारिकाधीश और सुदामा की मित्रता हमें निश्छल मैत्री संबंधों के साथ आदर्श मित्रधर्म की भी शिक्षा देती है। इसके साथ ही एक और भी सीख मिलती है कि दूसरों का हिस्सा हड़पने बाले को भोगना पड़ता है। कथा के अंत में परीक्षित विजयसिंह ने भागवत जी की आरती उतारी और प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान महंत अशोक दास, श्रीशतचंडी आचार्य पं. संजय रावत, रामेश्वर दयाल शास्त्री, जयगोविंद मिश्रा, लल्लूराम मिश्र, मुन्ना शास्त्री, शिवाकांत तिवारी, मुकेश तिवारी, राहुल तिवारी, रूपेश तिवारी, अनुज मिश्रा, अनुभव गौतम, सागर बौहरे शास्त्री, संदीप शांडिल्य, नवनीत शास्त्री, पंकज तिवारी, अंकित गौतम आदि अन्य धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे। रामविहारी कुशवाहा, राघवेंद्र कुशवाहा, हरिओम प्रजापति, निखिल पटेल, अखिलेश पटेल आदि मौजूद रहे।






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