उरई। कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आत्मा के तहत पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण दिवस आशा ग्रामोत्थान संस्थान ने आयोजित किया। जिसका समापन करते हुए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डाॅ. राजीव कुमार सिंह ने कहा कि देश में अनाज उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है लेकिन इस प्रक्रिया में नकारात्मक प्रभाव भी उभरे हैं। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए खेेती की उपज को हानिरहित बनाने पर भी गंभीरता से विचार करना होगा। उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के ज्यादा इस्तेमाल से जहरीले असर वाले अनाज की आपूर्ति समाज में हो रही है जो तमाम खतरनाक बीमारियों का कारण बन रही है। उन्होंने जैविक खेती की ओर अग्रसर होकर इससे बचाव की अपील की।
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि प्रशिक्षण में झांसी जिले के गुरसरांय, चिरगांव, मोंठ और बामौर आदि के तमाम किसानों ने पांच दिनों तक बेहतर खेती और कृषि से जुड़े सहायक व्यवसायों के लाभकारी संचालन की जानकारी ली। उन्हें भूमि प्रबंधन, मृदा परीक्षण, बुबाई से लेकर खेती के तमाम चरणों में उचित तकनीकी के प्रयोग, जैविक खाद तैयार करने की विधि, पशु पालन, डेयरी, रेशम कीट पालन, मत्स्य पालन आदि के बारे में अवगत कराया गया। चिरगांव के किसान चंदन सिंह ने पूरे प्रशिक्षण की ब्रीफिंग करते हुए कहा कि अगर किसान व्यवस्थित तरीके से अपनी जीविका का संचालन करें तो काफी हद तक अपनी दयनीय हालत से उबर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान खुशहाल होगा तभी देश खुशहाल हो पायेगा।

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