0 पात्र चयन में अपात्रों की भरमार ने गरीबों को मारी पेट लात
कोंच-उरई। खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद पात्र चयन प्रक्रिया में अपात्रों की भरमार ने गरीबों की रसोई का जायका ही बिगाड़ कर रख दिया है। जिन्हें वास्तव में सस्ते दरों पर खाद्यान्न मिलना चाहिये था वे प्रशासन की चैखट पर चप्पलें चटकाते घूम रहे हैं और जिनके दो मंजिला मकान ठुके हैं वे उनके हिस्से के राशन पर मौज मार रहे हैं। ऐसी ही दर्जनों गरीब महिलायें गुरुवार को एसडीएम मोईन उल इस्लाम से मिलीं और अपनी व्यथा बताई। एसडीएम ने मामले की गहराई से जांच कर उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
पिछले कमोवेश एक साल से सैकड़ों गरीब अधिकारियों के चैखट पर आकर अपनी व्यथा बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने से पहले उनके बीपीएल राशन कार्ड थे। इतना ही नहीं, पात्र गृहस्थियों का जब चयन हो रहा था तब भी उनके नाम सूची में शामिल थे और कुछ महीने उन्हें राशन भी मिला लेकिन बाद में साजिशन उनके नाम सूची से काट कर अपात्रों को जोड़ा गया है। यह स्थिति शासन द्वारा बनाये गये खाद्य सुरक्षा कानून की अंतर्भूत मंशा का मजाक उड़ाने जैसा है और अमीर लोग जिनके दो मंजिला मकान हैं, घरों में चार पहिया वाहन तक हैं उन्हें इस योजना का लाभ दिलाया जा रहा है। गुरुवार को आयशा बेगम, शमा परवीन, रुखसाना, नसीमा बेगम, कमर जहां, रुकईया बेगम, रुखसार, शबनम, कुरैशा, रोशन बेगम, रिजवान, जुबैदा खातून, रोशन बेगम, हुस्ना बानो, फिराजखान, शकील अंसारी सहित दर्जनों लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुये कहा है कि उन्हें लगभग चार माह से राशन सामग्री नहीं मिली है, इसकी शिकायत आपूर्ति विभाग में भी की गई लेकिन उनकी शिकायत को गंभीरता से लेने के बजाये रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया। एसडीएम ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
सर्वे टीम बना कर सत्यापन करायेंगे-एसडीएम
पात्र गृहस्थितियों में अपात्रों के चयन को लेकर आई शिकायत पर एसडीएम मोईन उल इस्लाम का कहना है कि शासन से उन्हें शहरी क्षेत्र के लिये जो टारगेट दिया गया था वह पूरा हो चुका है। अगर शासन से यह लक्ष्य बढाने के निर्देश मिलते हैं तो छूट गये गरीबों को योजना में शामिल कर लिया जायेगा। मौजूदा स्थिति में पात्रों को तभी इस योजना में शामिल किया जा सकता है जब अपात्र उस सूची से खारिज हों। इसके लिये वह एक सर्वे टीम बना रहे हैं जो इन राशन कार्डों का घर घर जाकर सत्यापन करेगी और सूची में शामिल अपात्रों को हटाया जायेगा ताकि योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंच सके।






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