उरई। डीएम के दखल के बाद डीवी काॅलेज में स्थिति का समाधान होने की बजाय घमासान और ज्यादा गहरा गया है। एके श्रीवास्तव और उनका सहयोग करने वाले दो अन्य प्राध्यापकों को प्राचार्य ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें प्रबंधक की शह बताई जा रही है।
डीवी काॅलेज में प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से बर्खास्त किये गये प्राध्यापक डाॅ. एके श्रीवास्तव ने लंबी कानूनी जंग के बाद नौकरी तो वापस हासिल कर ली लेकिन 7 वर्षों के बकाया वेतन को लेने में उन्हें प्रबंधन की बदले की भावना की वजह से नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने गुस्से में काॅलेज के प्रशासनिक भवन के सामने धरना दे दिया था। जिसके बाद डाॅ. डीके सिंह और योगेंद्र बेचैन उन्हें समझाने पहंुचे और उनको डीएम के सामने ले गये। डीएम ने पूरी बात सुनने के बाद हठधर्मिता दिखाने के लिए प्रबंध समिति के सचिव डाॅ. देवेंद्र श्रीवास्तव को पुलिस से बुलवाकर जलील किया जिसके बाद डाॅ. देवेंद्र ने आनन-फानन में डाॅ. एके श्रीवास्तव के वेतन बिल पास करने की औपचारिकता शुरू की।
होना यह चाहिया था कि इसके बाद विवाद को विराम लग जाता लेकिन आज नये सिरे से इस मामले में मोर्चा खुल गया। जब प्राचार्य ने डाॅ. एके श्रीवास्तव, डाॅ. डीके सिंह और योगेंद्र बेचैन को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूंछा कि उन्होंने किससे अनुमति लेकर काॅलेज के प्रशासनिक भवन में धरना दिया। बिना शाॅर्टलीव रजिस्टर पर हस्ताक्षर के कैसे डीएम के पास पहुंच गये। साथ ही क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी से मिलने झांसी जाने के लिए उन्होंने उनकी और प्रबंधक की परमीशन क्यों नही ली। 1 अप्रैल तक इस नोटिस का जबाव दाखिल करने को कहा गया है।






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