उरई। किसानों की सात सूत्री मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन छह अक्तूबर को कलेक्टेकृट में आंदोलन करेगा। इसमें किसानों की मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा और मांग की जाएगी कि प्रदेश मे ंसभी किसानों के एक समान कर्जे माफ किए जाएं। किसी के साथ भेदभाव की नीति न अपनाई जाए। इसके अलावा दैवी आपदा से जूझ रहे बुंदेलखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग भी उठाई जाएगी, ताकि बैंकों से कर्ज लेकर फसलों की बुवाई करने वाले किसानों को सहूलियत मिल सके। यह बात भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह लंबरदार ने पत्रकार वार्ता में कहीं।
उन्होंने बताया कि जनपद में खरीफ की फसल सिंचाई की किल्लत से सूखने की कगार पर है। लिहाजा सिंचाई के इंतजाम किए जाएं, इसके पहले दैवी आपदा से जूझ रहे किसानों को राहत देने के लिए बुंदेलखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से जो कर्जमाफ किए गए हैं, उनमें भारी अनियमितताएं बरती गई। इतना ही नहीं, कर्जमाफी में भी किसानों के साथ भेदभाव अपनाया गया। आवारा जानवरों ने फसलों को चैपट कर दिया है। बलराम लंबरदार ने कहा कि यूपी में सरकार ने चैबीस घंटे बिजली आपूर्ति किए जाने के आदेश दिए हैं, पर उसका कोई पालन नहीं किया जा रहा है। बीमा कंपनी किसानों के साथ धोखाधड़ी करके किसानों को ठग रही है। जनपद जालौन में 480 राजकीय नलकूप हैं। यदि इनका विद्युत नलकूप विभाग द्वारा दोनों मिलकर एरिया बांटकर व्यवस्थित चलवाने का काम कर दें, तो निश्चित सिंचित एरिया बढ़ाया जा सकता है। भारत के किसानों को जाग्रत करने में चै. महेंद्र सिंह टिकैत का योगदान खासा है।इसको लेकर छह अक्तूबर को शासन स्तर पर जयंती घोषित की जाए। इस दौरान शशिकांत रिछरिया, कांती शरण, संतोष कुमार सिंह, दर्शन सिंह आदि मौजूद रहे।






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