उरई । मिड डे मील की कन्वर्जन कास्ट और खाद्यान्न की वसूली के लिए तलाशे जा रहे 23 पूर्व प्रधानों में 9 ने डी एम के सामने आ कर अपना पक्ष रखा । इसके बाद डी एम ने उन्हे एक सप्ताह की मोहलत और दे दी है जबकि बैठक से किनारा कर जाने वाले पूर्व प्रधानों को नया नोटिस जारी किया गया है जिसमें सामने न आने पर जेल भिजवाने की चेतावनी दी गई है ।
2011 में प्रत्येक विद्यालय की मिड डे मील योजना का आडिट कराया गया था । इसमें बच्चों की उपस्थिति के आधार कन्वर्जन कास्ट के खर्च और खाद्यान्न के इस्तेमाल का हिसाब लगाने पर करोड़ों का गबन सामने आया । 350 पूर्व प्रधानों को अतिशय बजट हड़पने का दोषी करार दिया गया । बाद में उनके ख़िलाफ़ एफ़ आई आर भी दर्ज करा दी गई जिस पर पूर्व प्रधान हाईकोर्ट चले गए जहाँ उन्हे गिरफ़्तारी पर रोक की राहत मिल गई ।
प्रशासन के कड़े रवैये और ज्यादा निकले खर्च की रकम न जमा करने पर पंचायत के नए चुनाव में डिसक्वालीफाई हो जाने के डर से कई पूर्व प्रधानों ने रकम जमा कर दी लेकिन 23 प्रधान अभी भी कार्रवाई के घेरे में हैं । आज डी एम मन्नान अख्तर के सामने पडरी कोंच के पूर्व प्रधान रामप्रकाश निरंजन के नेतृत्व में बैठक में पहुँचे 9 पूर्व प्रधानों ने एक स्वर में कहा उनके साथ अन्याय हो रहा है । तत्कालीन डी एम रिग्जियान सैंफिल के निर्देश की वजह से मिड डे मील में बच्चों के अलावा सूखे के कारण भुखमरी की कगार पर खड़े परिवारों का भी भोजन कराया जाता था जिनका हिसाब नहीं जोड़ा गया । उन्होने आडिट की आपतियों से संबंधित दस्तावेज स्पष्टीकरण देने के लिए माँगे । अंततोगत्वा डी एम ने बैठक में मौजूद जिला बेसिक अधिकारी से संबंधित पूर्व प्रधानों को तत्काल उक्त अभिलेख देने के लिए कहा । साथ ही पूर्व प्रधानों से कहा कि वे अभिलेख देख कर एक सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करें ताकि मामला अंतिम रूप से निस्तारित किया जा सके ।






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