लखनऊ । सपा बसपा गठबंधन के कारण बुंदेलखंड में भाजपा का किला ख़तरे में आ गया है । इस अंचल की चारों लोकसभा और सभी 19 विधानसभा सीटों पर अभी भाजपा काबिज है । बुंदेलखंड के सामाजिक समीकरणों के चलते सपा बसपा गठबंधन इस अंचल में भारी पड़ सकता है । इसे देखते हुए भाजपा अपने किले की सुरक्षा की रणनीति के लिहाज से कारगर मोहरे सजाने में जुट गई है ।

शुक्रवार को भाजपा ने हमीरपुर – महोबा के पूर्व सांसद राज नारायण बुधौलिया को पार्टी में शामिल कर लिया है । रज्जू बुधौलिया को प्रदेशाध्यक्ष डॉ महेंद्रनाथ पाण्डेय ने पार्टी कार्यालय पर सदस्यता देने की घोषणा की ।

उनके साथ जालौन जिले में कुर्मी समाज की कद्दावर हस्ती समझे जाने वाले पूर्व ब्लाक प्रमुख उमा जखौली ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली । रज्जू बुधौलिया और उमा जखौली पुराने मित्र हैं ।

रज्जू ने आज तक राजनीति में कोई फ़ैसला उमा जखौली की बिना सलाह के नहीं किया है ।

बुंदेलखंड की चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा द्वारा उम्मीदवार बदलने की चर्चा है । निवर्तमान सांसदों पर निष्क्रियता और लोगों से पूरी तरह कटे रहने का आरोप है ।

रज्जू बुधौलिया की पार्टी में आमद के बाद हमीरपुर –महोबा क्षेत्र से उन्हे  निवर्तमान सांसद पुष्पेन्द्र चंदेल का प्रतिस्थानीय बनाये जाने की चर्चा शुरू हो गई है ।

इस बीच जालौन- गरौठा- भोगनीपुर संसदीय क्षेत्र से  निवर्तमान भानु प्रताप वर्मा के बारे में भाजपा हाईकमान के सामने प्रतिकूल रिपोर्टें दाखिल हुईं हैं । हालांकि पार्टी में एक प्रभावशाली वर्ग अभी भी उन्हें बहाल रखने पर ज़ोर लगाये हैं लेकिन उच्च नेतृत्व जोखिम उठाने के मूड में नहीं है । 1999 और 2009 के चुनावों में मतदाताओं ने कई जगह किसी के काम न आने की वजह से उन्हे खरी खोटी सुनाई थी और हरा दिया था । यह इतिहास लोग 2019 में फिर न दोहरा दें , पार्टी इसे ले कर सिहरन महसूस कर रही है । गो कि उक्त चुनावों की तरह इस चुनाव में भी भानु वर्मा के लिए अपशकुनी 9 का फेर है ।

ऊहापोह के बीच पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी को पार्टी में शामिल करके उन पर दांव लगाने के भाजपा नेतृत्व के मंसूबे की चर्चा जोरों पर है । हालांकि अनुरागी ने आज भी यही कहा कि वे अभी तक बसपा में हैं लेकिन यह कह कर वे सस्पेंस फैला देते हैं कि वे अपने किसी संभावित फ़ैसले के सवाल का कोई जवाब नहीं देंगे ।

एक और पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत का नाम झांसी – ललितपुर संसदीय क्षेत्र में उमा भारती के चुनाव न लड़ने की स्थिति में सभावित प्रत्याशियों की दौड़ में सबसे आगे हैं ।

हालांकि बांदा में सांसद निधि बेचने में आरोपित किए जा रहे भैरोंप्रसाद मिश्रा का टिकट अगर काटा जाता है तो फिलहाल स्वच्छ छवि के कारण अशोक त्रिपाठी जीतू का नाम सबसे आगे है जिनको अभी से पार्टी लाइन तोड़ कर क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों ने समर्थन घोषित करना शुरू कर दिया है ।

One response to “बुंदेलखंड में आयातित उम्मीदवारों से पारी सजाने की भाजपा की रणनीति”

  1. Rahul Singh Bauddha Avatar

    नमो बुध्दाय भाई

    Like

Leave a reply to Rahul Singh Bauddha Cancel reply

I'm Emily

Welcome to Nook, my cozy corner of the internet dedicated to all things homemade and delightful. Here, I invite you to join me on a journey of creativity, craftsmanship, and all things handmade with a touch of love. Let's get crafty!

Let's connect

Recent posts