रमजान के मुबारक महीने की शुरूआत शनिवार से होगी और पहला रोजा शनिवार को होगा। रमजान इस्लामी कैलेण्डर का नवां महीना है। इस्लाम में यह सबसे पवित्र महीना माना जाता है क्योंकि कुरान इसी महीने में पैगम्बर साहब पर उतरा था। यह इबादत का महीना है। मुसलमानों को हुकुम है कि इस महीने में वे ऐसे कामो से परहेज रखेंगे जिनसे दीन की तरफ से उनका ध्यान भटकने की आशंका रहती है।
मुझे याद है कि मेरे शहर की एक टाॅकीज जिसका नाम जयहिन्द हुआ करता था मुस्लिम बाहुल्य बजरिया इलाके में थी। अकीदतमंद सिनेमा देखना भी इब्लीस (शैतान) की भटकाने वाली करामात मानते थे। इसलिए यह टाॅकीज रमजान के महीने में बन्द हो जाया करती थी। लोग महीने भर धूम्रपान छोड देते, पान मसाला खाना बन्द कर देते, संगीत सुनना बन्द कर देते और पूरा दिन इबादत मंे बिताते थे। आज भी रमजान के इस मायने में तबदीली नहीं आयी है।
कोई भी धर्म हो वह बन्दिशों की कवायद है। इन्द्रियों पर लगाम लगाने से चित्त का शुद्धिकरण होता है। रमजान इसका सबसे बड़ा अभ्यास हैं। अकीदतमन्द इस महीने में गाली तक मुह से नहीं निकालते। लेकिन इसी महीने में इस्लाम का नाम लेने वाले आतंकवादियों ने मस्जिद में नमाज पढते हुए श्रद्धालुओं तक पर गोलियां बरसाई है। निश्चित रूप से ऐसे तत्व दीन के वफादार नहीं थे। शैतान ने छदम मोमिनो से इस्लाम के तात्विक उददेश्यों को तार-तार करने के काम कराये। रमजान का महीना इस बार कोरोना के साये में हो रहा है। खुदा की मंशा इस सन्दर्भ को लेकर क्या है इसे समझने की जरूरत है।
दुनिया में अध्यात्म के मौलिक उसूल एक जैसे हैै। दुनिया के अलग-अलग हिस्सो के लोग एक ही परम सत्ता में विश्वास करते है। अलग-अलग जगह की बोलियां अलग-अलग होती है इस लिए सभी जगह उस परम सत्ता का नाम बदल जाता है। इस्लाम ही नहीं ईसाई, हिन्दू (सनातन) और अन्य सभी धर्म बन्दिशों पर यकीन रखते है। दूसरी ओर आधुनिक बाजारी सभ्यता संयम की हर बाड़ को तोड़ फेक देने के दुस्साहस पर टिकी है। मोमिनो का सादगी पर बहुत अधिक जोर दुनिया की तरक्की को रोक देने या दुनिया को खत्म कर डालने के नताइज से जोड़ दिया गया। जितना ऐश करोगे उतनी ही तरक्की दुनिया की होगी। उपभोग ज्यादा होगा तो तकनीकी आविष्कार बढेंगे, ज्यादा फैक्ट्रिया लगेगी, तब ज्यादा रोजगार पैदा होगा और ऐश्वर्य बढेगा। दुनिया रंगीन और आकर्षक होगी।
अभी तक इस प्रवन्चना ने सारी दुनिया को अपनी गिरफत में रखा। शैतानों की सन्तानो ने इसी क्रम मे अन्तर्राष्ट्रीय विमर्श में ऐसे नये तत्वों का समावेश किया जिससे इस्लाम का डायवर्जन हुआ। इस्लाम शान्ति का पर्याय है जिस धर्म में दीन में डूब जाने के बाद आदमी के किरदार से गुस्सा, खूनखराबा, अहंकार जैसी चीजे गायब हो जानी चाहिए और इंसान को फरिश्ते की प्रतिमुर्ति बन जाना चाहिए उसमें गडबडी निश्चित रूप से मुस्लमानों के खिलाफ उन्हें बदनाम कौम बनाने का एक षडयंत्र रहा है।
शैतानी चालो से इंसान न लड़ पा रहा था न उबर पा रहा था क्योंकि उसकी साधना और तप में कही न कही कमी आ गयी थी तभी ऊपर वाले ने कोरोना के कहर को बरपा किया। इसने जिन्दगी और रंगीन दुनिया में से किसी एक को चुनने का विकल्प तय किया तो इंसान को कहना पडा कि जिन्दगी के आंगे सब कुछ छोडा जा सकता है। यह लाॅक डाउन रमजान की विधिवत शुरूआत के पहले ही मोमिनो के लिए रमजान का और हिन्दुओं के लिए नवरात्र का और इसाइयों के लिए ईस्टर का आगाज था जिसमंे सारी निरंकुश इंच्छाओं को काबू कर सिर्फ बन्दगी और इबादत का काम होना चाहिए। यह नजर बन्दी, यह घरबन्दी, यह फुरसत इसीलिए थी ताकि अपनी आत्मा को पवित्र बनाने का मौका सबको महसूस हो । इसलिए रमजान का इस बार कुछ अलग ही अर्थ है। इस अर्थ को ग्रहण करने की ताकत ऊपर वाला आपको दे इस शुभाषा के साथ सभी को रमजान मुबारक।

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