
ऊमरी-उरई। रामपुरा विकास खंड के कंझारी ग्राम पंचायत के राशनकार्ड धारक तीन महीने से खाद्यान्न के लिए भटक रहे हैं। मुख्यमंत्री स्तर तक शिकायत की जाने के बावजूद उनकी समस्या का निदान अभी तक नहीं हो पाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि मनमानी कर रहे कोटेदार को क्षेत्र क पूर्ति निरीक्षक का संरक्षण प्राप्त है जिसकी वजह से कार्रवाई में प्रगति नहीं हो पा रही है।
कोरोना काल में हर राशन कार्ड धारक को खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए शासन ने जबरदस्त कटिबद्धता दिखायी लेकिन विभागीय अमले ने साबित कर दिया है कि शासन का इकबाल पूरी तरह ढीला है। कंझारी के 75 राशनकार्ड धारकों ने अप्रैल के महीने में पहली बार कोटेदार रतीराम दोहरे द्वारा राशन न देने की शिकायत की थी। इसके लिए कार्ड धारकों ने उप जिलाधिकारी, जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर गुहार लगाई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा। जांच क्षेत्र के पूर्ति निरीक्षक को दी गई जिन्होंने कोटेदार से उपकृत होने के कारण हर बार शिकायत की लीपा पोती कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक जांच किसी निष्पक्ष अधिकारी से नहीं कराई जायेगी तब तक कोटेदार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई होना असंभव है। उन्होंने अपनी फरियाद से जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है।






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