दुखियारी की वेदना से विव्हल हुए डीएम, बेटी की पढ़ाई का खर्चा लिया अपने जिम्मे


उरई। प्रशासन का मानवीय चेहरा बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय में जनता दर्शन के दौरान देखने को मिला। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय को घर चलाने और बेटी पढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही महिला की वेदना इस कदर छू गई कि वे भावुक हो उठे।
पार्वती देवी नाम की इस फरियादी महिला के पति जो कि परिवार चलाने का खर्चा उठाये हुए थे 2019 में दिवंगत हो गये थे। इसके बाद दुखित पार्वती के कंधे पर पेट पालने और मासूम बेटी को पढ़ाने का बोझा आ पड़ा था। वह लोगों के घरों में काम करके किसी तरह अपना दायित्व निर्वाह करने लगी। उसके पति का एक बीमा था जिसका क्लेम उसका बोझा कुछ बंटा सकता था लेकिन आज तक वह क्लेम उसे मिल नही सका। बीमा दफ्तर के चक्कर लगाते-लगाते निराश हो चुकी पार्वती को किसी ने जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय से मिलने की सलाह दी।
आम तौर पर नौकरशाह निष्ठुर होते हैं। दूसरे जिलाधिकारियों में से अधिकांश जनता दर्शन में आने वाले प्रार्थनापत्रों को रुटीन में लेते हैं। उन्हें फुरसत नही होती जाने कि जो फरियादी उसके सामने आया है उसकी पीड़ा कितनी गहरी है। वह बहुत शुष्क ढंग से उसकी बात सुनने का अभिनय करते हैं और वह अपना पूरा दुखड़ा बता पाये इसके पहले ही संबंधित अधिकारी के लिए एनए लिखकर चलता कर देते हैं।
पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय का रवैया जनता दर्शन में अलग होता है। वे प्रार्थी की वेदना की डिग्री मापते हैं। इस मामले में उनका हुनर छठी इंद्रिय के जागृत होने जैसा है। पार्वती ने लगभग रुआंसी हालत में उन्हें प्रार्थना पत्र सौंपा तो उन्हें यह ताड़ते हुए देर नही लगी कि इस महिला की समस्या विशेष गंभीर है। उन्होंने आत्मीय लहजे में उसके हालात पूंछे तो उसने बताया कि उस पर दुखों का कैसा पहाड़ टूट रहा है। उसकी बेटी जाहन्वी ने बताया कि वह नाइंथ में पढ़ती है। जब उसने यह बताया तो पार्वती के चेहरे पर बेवसी के भाव उमड़ आये जो बयान कर रहे थे कि जैसे वह कहना चाहती हो कि इसके आगे वह उसे इन हालातों में पढ़ा पायेगी या नहीं वह नही जानती। उसके चेहरे की इस इबारत को जिलाधिकारी ने पढ़ लिया। संवेदनशीलता की अनुकरणीय मिसाल पेश करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वे उसे बीमा क्लेम जल्द से जल्द दिलाने की हर संभव कोशिश तो करेगें ही यह भी वायदा करते हैं कि बेटी की पढ़ाई पूरी कराने का खर्चा भी वे उठायेगें। जिलाधिकारी की इस सदाशयता से मां-बेटी के साथ-साथ उपस्थित अन्य लोग भी विव्हल हो गये।

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