उरई। दशहरा-दीपावली के त्यौहार आने के पहले पुलिस अवैध बारूद के निर्माण और भण्डारण को लेकर सक्रिय हो गई है। इस क्रम में आतिशबाजी निर्माण करने वाले लाइसेंसियों पर निगाह रखने के निर्देश पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार ने पिछले दिनों दिये थे। यह सामयिक सजगता रंग लाई। आज चुर्खी पुलिस ने ग्राम सोहरापुर में एक खाली पड़े मकान में बारुद और आतिशबाजी का बड़ा जखीरा पकड़ा जिसकी बाजार में कीमत 23 लाख रुपये आंकी गई है।
पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार की संभावित अपराधों पर अग्रिम कार्रवाई की रणनीति घटना होने के पहले ही उसकी रोकथाम में कारगर साबित हो रही है। त्यौहारों के समय आतिशबाजी निर्माण और भण्डारण के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में जनहानि की खबरे आती रहती हैं। इसके मददेनजर पुलिस अधीक्षक ने अभी से जिले भर में थानों को अलर्ट कर दिया है।
चुर्खी थाना क्षेत्र के औंता में लाइसेंसी हीरालाल के बारे में पिछले वर्षों में स्वीकृत मात्रा से अधिक बारूद और आतिशबाजी का भण्डारण करने की तमाम शिकायते रही हैं। इसलिए वे सबसे पहले निशाने पर रखे गये। चुर्खी एसओ ने उनके बारे में सुरागरशी की तो पता चला कि थाने को चकमा देने के लिए वे अपने माल का भण्डारण कालपी कोतवाली के सोहरापुर गांव में एक किराये का घर गोदाम बनाकर कर करते हैं। थानाध्यक्ष ने मुखबिर की सटीक निशानदेही पर गोदाम पर छापा मारा जिसमें 310 प्लास्टिक के बंडलों में 1 लाख 48 हजार पटाखा माचिस का जखीरा बरामद हुआ। बाजार में इस माल की कीमत 23 लाख रुपये बताई गई है।
मौके पर कारीगर शदरे आलम गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि जिस घर को वे लोग गोदाम बनाये हुए थे वह ब्रजराज नाम के व्यक्ति का है। ब्रजराज परिवार सहित बाहर रहते हैं। उनसे मकान हमने ले लिया था। हालांकि ब्रजराज को हमारे काम की कोई जानकारी नही है। हीरा लाल को पकड़ने का प्रयास किया गया। लेकिन वह फरार हो गया। पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार ने बताया कि हीरा लाल को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा। अभियुक्तों की क्रिमिनल हिस्ट्री का पता लगाने के लिए अन्य जनपदों की पुलिस से संपर्क किया गया।







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