उरई। जिले में प्रशासनिक प्रबंध की कमजोरी का फायदा उठाकर दूसरे की जमीन जायदाद हड़पने वालों के गैंग जोरों से सक्रिय हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को पीड़ित द्वारा जिलाधिकारी को दिये गये शिकायती पत्र के माध्यम से सामने आया।
जमीन के मालिकाने से लेकर विक्रय पंजीकरण तक की व्यवस्थाओं में इतने झोल है कि जालसाजों को इनमें आसानी से सेंध लगाने का अवसर मिल जाता है। जिले में रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। फिर भी अधिकारी प्रभावी रोकथाम नही कर पा रहे हैं। कई मामले तो प्रारंभिक जांच में पूरी तरह खुल जाने के बाद भी प्रशासनिक तंत्र की सांठगांठ के कारण अंजाम तक पहुंचने के पहले ही दम तोड़ने की स्थिति में जा पहुंचे हैं।
मंगलवार को जिलाधिकारी के सामने जो शिकायत हुई उसमें उरई कोतवाली क्षेत्र के गढ़र निवासी रामकुमार पटेल पीड़ित हैं। उन्होंने गांव के कई प्रतिष्ठित लोगों और प्रसिद्ध युवा सामाजिक कार्यकर्ता रोहित त्रिपाठी अकोढ़ी के साथ जिलाधिकारी के सामने उपस्थित होकर बताया कि गढ़र में खसरा संख्या 348 पर अंकित उसकी भूमि एक अंश उसके नाम के जाली कागजात तैयार करके मोहल्ला रामनगर निवासी रामकुमार ने कालपी परगने के ग्राम बबीना की निवासिनी प्रभाकरन पत्नी रमन कुमार के नाम अनुबंधित कर रजिस्टर्ड करा दिया। इसी तरह उसकी जमीन का एक और अंश उमरारखेरा निवासी जानकी प्रसाद के नाम अनुबंधित कर दिया। दोनों ही अनुबंध पत्र कब्जा सहित रजिस्टर्ड किये गये हैं।
पीड़ित रामकुमार पटेल का कहना है कि इस आपराधिक कारगुजारी में अकेले कथित विक्रेता रामकुमार की ही करतूत नही है। क्रेताओं की भी इसमें आपराधिक सहभागिता है। उसने कहा कि अभी उसको इसकी जानकारी हुई तो वह हैरान रह गया। शिकायती पत्र के साथ कूट रचित दस्तावेजों की छाया प्रतियां भी संलग्न की गयी हैं। जिलाधिकारी ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए गहन जांच कराने और आरोपों की पुष्टि के तथ्य मिलने पर मामला पुलिस को सौंपने का आश्वासन दिया है।







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