उरई (जालौन), 2 दिसंबर: ग्राम बिरगआँ खुर्द में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन जगन्नाथ मंदिर अयोध्या के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर 1008 श्री राघव दास जी महाराज ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीला के साथ-साथ वृंदावन से मथुरा गमन और कंस वध का अति सुंदर एवं रोमांचक वर्णन सुनाया। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और हर-हर महादेव तथा जय श्री राधे के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
कथा का आयोजन ग्राम निवासी कौशल किशोर निरंजन (परीक्षित) पुत्र श्री शिवशंकर उर्फ गिरीश निरंजन द्वारा अपनी माता-पिता की स्मृति एवं परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से कराया जा रहा है।
कथा सुनने वालों में मुख्य रूप से चौधरी जयकरण सिंह खरुसा, लालबहादुर सिंह लालजी गोरा, रामजी निरंजन गोरा, धीरेंद्र सिंह, रामसेवक निरंजन, बृजेंद्र सिंह, अजय सिंह, संतोष निरंजन, पंडित रामकिशोर शर्मा, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामबाबू निरंजन सहित सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे।
आज की कथा में महाराज श्री ने बताया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों की पुकार सुनकर मथुरा पहुंचकर अत्याचारी कंस का वध किया और धर्म की पुनःस्थापना की। श्रोताओं ने तालियां बजाकर एवं जयघोष से कथावाचक का उत्साहवर्धन किया। कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक चल रही है।







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