उरई (जालौन), 18 दिसंबर 2025जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मिलावटखोरी एवं अवैध औषधि कारोबार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।सहायक आयुक्त (खाद्य) डॉ. जतिन कुमार सिंह ने बैठक को अवगत कराया कि शासन के निर्देशानुसार जनपद में चलाए गए विशेष अभियानों के तहत मिलावटखोरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 315 खाद्य नमूने लिए गए, जिनमें से 68 नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। इस संबंध में 66 वाद माननीय न्यायालय में दायर किए गए, जिनमें से 46 मामलों में दोषियों को दण्डित किया गया। न्यायालय द्वारा कुल 31,42,500 रुपये (इक्तीस लाख बयालीस हजार पांच सौ रुपये) का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।दूध में मिलावट के दो मामलों में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियुक्तों को छह-छह माह का कारावास तथा एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी सुनाया है।जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद में मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वाले प्रतिष्ठानों का संघन निरीक्षण किया जाए तथा नियमित रूप से नमूना संग्रहण सुनिश्चित किया जाए। बाजार में बिक रही सब्जियों, फलों एवं दूध की निरंतर जांच हो तथा रसायनों के प्रयोग पर कड़ी निगरानी रखी जाए। विशेष रूप से खोया, दाल एवं बेसन पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए।औषधि प्रशासन के संबंध में औषधि निरीक्षक ने बताया कि अल्ट्राफाइन केमिकल्स, उरई द्वारा 22,000 कोडीन युक्त कफ सिरप की बोतलों की हेराफेरी के मामले में एफआईआर दर्ज कर ड्रग लाइसेंस निरस्त किया गया है। जिलाधिकारी ने ऐसी कार्रवाइयों को निरंतर जारी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि थोक एवं फुटकर दवा विक्रेताओं पर सतत निगरानी रखी जाए। सभी मेडिकल स्टोर्स पर कंप्यूटरीकृत बिल वाउचर अनिवार्य रूप से जारी किया जाए। साथ ही अधिरोपित जुर्माने की बकाया वसूली तथा न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण हेतु प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए।बैठक में अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) प्रेमचंद मौर्य, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. देवेंद्र भिटौरिया, अभिहित अधिकारी, औषधि निरीक्षक, व्यापार मंडल के प्रतिनिधि तथा स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।







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