उरई | उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्शन प्लान के अन्तर्गत जनपद न्यायाधीश लल्लू सिंह के कुशल निर्देशन में जिला कारागार उरई एवं तहसील उरई के अन्तर्गत ग्राम कुसमिलिया में स्थानीय इण्टर कॉलेज में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज महेन्द्र कुमार रावत की अध्यक्षता में किया गया। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा के स्तर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है। गर्भाशय ग्रीवा महिला प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है और गर्भ के निचले हिस्से में स्थित है। इस कैंसर को बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी बीमारी के लक्षण होने पर तत्काल किसी योग्य स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिये। सर्वाइकल कैंसर सभी कैंसरों में चौथे स्थान पर है और वर्तमान में इस बीमारी से हर 2 मिनट में एक महिला की जान चली जाती है।
कारागार चिकित्साधिकारी डॉ0 राहुल बर्मन ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक चरण में शल्य चिकित्सा स्थानीय उच्छेदन सहित तथा रसायन चिकित्सा व रोग के उन्नत चरणों में विकिरण चिकित्सा, पैप स्मीयर परीक्षण से संभावित कैंसर पूर्व परिवर्तनों की पहचान की जा सकती है। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण यौन संचारित संक्रमणों के संपर्क में आने की संभावना अधिक होना, उदाहरण के तौर पर, कम उम्र में पहली बार यौन समागम करना, एक से अधिक यौन साथी होना, या जिनके यौन संचारित संक्रमणों के जोखिम कारक हैं वैसे यौन साथी होना, मौखिक गर्भ निरोधकों (जन्म नियंत्रण की गोलियां) का उपयोग करना आदि है।
इस अवसर पर प्रभारी कारागार निरीक्षक प्रदीप कुमार, महिला एवं बाल कल्याण समिति जालौन सदस्य गरिमा पाठक, वन स्टाप सेन्टर प्रबन्धक अंजना यादव, परामर्शदात्री प्रवीणा, लिपिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शुभम् शुक्ला समेत सिद्धदोष/विचाराधीन महिला बन्दी उपस्थित रही।
इस शिविर में विशेष अतिथि सचिव पूर्णकालिक/अपर जिला जज महेन्द्र कुमार रावत ने बताया कि भारत में लिंग चयन, प्रसव पूर्व एवं प्रसवोपरान्त कन्या भ्रूण हत्या रोके जाने हेतु पीसी.-पीएनडीटी. एक्ट को लागू किया गया है। गर्भस्थ शिशु की हत्या वैधानिक, सामाजिक और शास्त्रीय रूप से भी अपराध है और यह पाप की श्रेणी में आता है। इसलिये इससे बचाव की आवश्यकता है। उ0प्र0 पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना और एसिड अटैक की घटनाओं में पीड़ित महिलाओं/युवतियों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता के बारे में बताते हुये कहा कि अपराध के पीड़ितो को सम्बन्धित न्यायालय अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष उनके साथ घटित अपराध का पूर्ण विवरण व सम्बन्धित अभिलेख प्रसतुत करते हुये प्रार्थना-पत्र देना होगा, जिस पर विधि अनुसार जांच के उपरान्त पीड़ित अथवा उसके वारिसान को क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का प्रावधान है।
इस शिविर में तहसीलदार उरई कुमार भूपेन्द्र, प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डकोर से चिकित्सा अधीक्षक डा0 इदरीश मुहम्मद, उप निरीक्षक थाना डकोर अरूण तिवारी, असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल अभिशेक पाठक, प्रतिनिधि जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेश कुमार, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाम से शैलेश कुमार गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक प्रतिनिधि प्रवक्ता जितेन्द्र कुमार सिंह ने विभागीय योजनाओं को विस्तार से बताया। इस कार्यक्रम का संचालन महेश सिंह परिहार द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में कुसमिलिया इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 अखलाक अंसारी द्वारा समस्त अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान श्रीमती चन्द्रवती, प्रवक्ता श्री संजय कुमार, सहायक अध्यापिका श्रीमती रंजना, सरिता, राजस्व विभाग से लेखपाल श्री राजकुमार श्रीवास्तव और ग्राम पंचायत अधिकारी श्री राणा इन्द्रजीत सिंह, पैरालीगल वालंटियर टीम लीडर श्री रामदेव चतुर्वेदी, योगेन्द्र सिंह तखेले, धर्मेन्द्र कुमार, महेन्द्र कुमार मिश्रा समेत लगभग एक सैकड़ा से अधिक ग्रामीण स्त्री-पुरूष उपस्थित रहे।