नदीगांव –उरई | नदीगांव में श्री महामृत्युजय आश्रम पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के द्वितीय दिवस कथावाचक एवं कर्मकांड विशेषज्ञ पं लल्लूराम मिश्र ने श्रोताओं को कथा का श्रवण कराया।
उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा कि भागवत कथा शांतचित्त दंतचित्त एकारगचित्त होकर सुनना चाहिए। परीक्षत जन्म सुनाते हुए श्री मिश्र ने कहा कि पांडव वंश में इनका जन्म हुआ | अपनी माता उत्तरा के गर्भ में ही भगवान का दर्शन प्राप्त हो गया था। महाराज युधिष्ठिर ने परीक्षत को राजा बनाया | यह महाभागवत हुए भगवत सुनकर परमपद में अधिकारी बने। श्री परीक्षित जी भागवत के तथा शुक्रदेव जी महाराज भागवत के श्रेष्ठ वक्ता हुए। भागवत परमहँस की संहिता है | दोनों ही परमहस रूप में भागवत कथा सुनकर परमधाम प्राप्त किये। इस अवसर पर भगवाताचार्य पं नवनीत कृष्ण मिश्र शास्त्री राहुल तिबारी शिवाकांत शास्त्री अखिलेश मिश्रा मुन्ना मिश्रा अनिल तिवारी पूजन अर्चना एवं पाठ को विधिवत रूप से कराया।
इस अवसर पर परीक्षत श्रीमती कृष्णा रवि अग्रवाल के साथ साथ पारसमणि अग्रवाल , छोटेलाल अग्रवाल, एड हरिमोहन अग्रवाल , संजीव अग्रवाल, सिद्धार्थ , मनु ठठेरे , अभिषेक अग्रवाल , आलोक अग्रवाल, रंजना विशाखा , रजनी, ऊषा अग्रवाल , दिव्या , नीलमणि, राजेंद्र मास्टर , आणिमा , जागृति , गुंन्नो आदि व्यवस्था में लगे हुई थे।