ऊमरी-उरई l जूनियर शिक्षा के बाद बालक बालिकाओं को इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई का समुचित प्रबंध न होने से ग्राम मजीठ एवं आसपास के गांव के सैकड़ो छात्र-छात्राएं बगैर आगे की पढ़ाई किए घर बैठ जाने को मजबूर हैं ।
विकासखंड रामपुरा अंतर्गत ग्राम पंचायत मजीठ लगभग छै हजार की आबादी वाला बड़ा गांव है। इसके चारों ओर नजदीक में ग्राम सिंगटौली ,धमरेही ,पृथ्वीपुरा, धर्मपुरा महंत ,गुपालापुर, जमलापुर , जसुआपुर , लोधीपुरा, खैरई आदि लगभग 10 गांव हैं जिनकी संयुक्त आबादी लगभग पन्द्रह हजार होगी | इनमें कुछ गांव में कक्षा पांच व कुछ गांव में कक्षा 8 की शिक्षा के बाद छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने का कोई समुचित साधन नहीं है परिणाम स्वरूप प्रति बर्ष इन सभी गांव के लगभग 70% बच्चे तो कक्षा 9 व आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर दराज जाकर किसी प्रकार पढ़ाई जारी रख पाते हैं शेष 30% बच्चे एवं छात्राएं साधन विहीन होने अथवा घर परिवार के द्वारा दूर जाकर आगे की पढ़ाई करने की अनुमति न मिलने से कक्षा 8 की शिक्षा की मार्कशीट लेकर घर बैठ जाते है। ग्राम प्रधान मजीठ मनजीत से इस विषय पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कक्षा आठ की शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा का कोई प्रबंध नही है फलत: यहां प्रति वर्ष अनेक बच्चे आगे की कक्षाओं की पढ़ाई नही कर पा रहे हैं | बर्ष 2023-24 शिक्षा सत्र के बाद आसपास के गांव के अनेक बच्चों ने आगे की पढ़ाई छोड़ दी है। ग्राम प्रधान मनजीत ने बताया कि अकेले ग्राम मजीठ में 98 बालिकाओं ने कक्षा 8 के बाद आगे की पढ़ाई नहीं की है। गौरतलब यह है कि जूनियर क्लास के बाद आगे की पढ़ाई छोड़ने को मजबूर अधिकांश बच्चे अनुसूचित जाति अथवा गरीब परिवार के हैं | कमजोर वर्ग के गरीबों के बच्चों का अशिक्षित रह जाना सरकार की अन्त्योदय परिकल्पना के साकार होने में बड़ी बाधा है। यदि ग्राम मजीठ में राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना हो जाए तो आसपास लगभग एक दर्जन गांव के बच्चों को उच्च शिक्षा से लाभान्वित किया जा सकता है।