उरई. जालौन औरैया प्रान्तिय राजमार्ग पर ग्राम हदरुख में स्थापित शहीद स्मारक में शनिवार को हर वर्ष की भान्ति इस वर्ष भी पूर्व सैनिक परिषद के तत्वावधान में विजय दिवस धूमधाम से मनाया गया. 1971 के बांग्ला देश मुक्ति संग्राम की याद में मनाये जाने वाले विजय दिवस पर शहीद सैनिकों की पत्नियों का सम्मान किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कर्नल यशवंत सिंह ने कहा कि मौका आने पर देश के लिए अपनी जान के सर्वोच्च बलिदान से भी पीछे न हटने का मिशन हर फ़ौजी अपने दिल में संजोये रहता है. उन्होंने कहा कि समाज़ की मुख्य धारा में लौटने वाले पूर्व सैनिकों को बच्चे बच्चे में देश भक्ति की अलख जगाने के लिए समर्पित होना चाहिए तभी हर व्यक्ति जीवन के किसी भी क्षेत्र में सही ढंग से अपनी भूमिका निभा कर मजबूत राष्ट्र बनाने में योगदान सुनिश्चित कर सकेगा.
संचालन कवि और लेखक महेन्द्र पाटकार ने किया.
मुख्य अतिथि के रुप में अपना वक्तव्य देते हुए पूर्व विधायक संतराम सिंह सेंगर ने कहा कि सैनिकों के ऋण को देशवासी कभी चुका नहीं सकते. वे जान की बाजी लगा कर सीमाओं की रक्षा करते हैं. उन्होंने शहीद भवन के निर्माण के इतिहास की जानकारी दी. बुंदेलखंड में पूर्व सैनिकों को समर्पित सबसे भव्य यहां के शहीद स्मारक के निर्माण का पूरा श्रेय पूर्व विधायक संतराम सिंह सेंगर को ही दिया जाता है. विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल एन के मल्होत्रा ने भी विचार प्रकट किये.
पूर्व सैनिक कल्याण परिषद के पदाधिकारी कैप्टन मास्टर सिंह, कैप्टन महेन्द्र सिंह, रामफल, जयदेव यादव, परिषद के अध्यक्ष आशाराम दोहरे, सूबेदार अर्जुन सिंह, सूबेदार रूपराम पाल, सूबेदार भूरे सिंह, जितेंद्र सिंह यादव आदि भी मौजूद थे. ग्रामीणों में झल्लू सिंह भदौरिया का कार्यक्रम के सुचारु व्यवस्थापन में महत्वपूर्ण योगदान रहा.