उरई।
महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोकने के लिये सरकार चाहे जितनी कटिबद्ध हो लेकिन जमीनी स्तर की हकीकत इससे मेल नहीं खाती। पुलिस के अपराध करने वालों के साथ मिली भगत के किस्से सरकार के इरादों पर पानी फेर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें उमरारखेरा निवासी गंगादेवी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की कि उनकी पुत्री का विवाह मोनू वेदी के साथ हुआ है जिसने शादी के एक वर्ष बाद ही अपनी मां के साथ मिलकर अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर उसकी पुत्री का उत्पीड़ने शुरू कर दिया। उसे मानसिक और शारीरिक यातनायें देनी शुरू कर दी। जब उसकी पुत्री ने प्रतिकार किया तो मोनू वेदी उसे त्यागने की धमकी देने लगा। इतना ही नहीं उसने रोशनी से तलाक का मुकदमा भी दायर कर दिया जिस पर वस्तु स्थिति के अनुरूप रोशनी की ओर से उसके खिलाफ दहेज और घरेलू हिंसा का मुकदमा महिला थाने में दर्ज करा दिया गया। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप एवं पुलिस से सांठ गांठ के दम पर मोनू ने थाने की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ने दी। हताश रोशनी को ब्लैकमेल करते हुये मोनू ने कहा कि अगर वह अपना मुकदमा वापस ले ले तो वह भी तलाक से पीछे हट जायेगा। मजबूरन रोशनी को समझौता करना पड़ा। पर इसके बाद मोनू अपने कथन से मुकर गया और उसने फिर भी रोशनी को अपने साथ रखने से इंकार कर दिया। उसने तलाक का मुकदमा जीतकर दूसरा विवाह करने का इरादा जताया।
इस दौरान रोशनी काफी दिनों तक अपने मायके में रही लेकिन गत एक नवंबर को करवा चैथ के दिन वह ससुराल पहुंच गयी तो मोनू ने उसे अपने घर से बाहर करने की कई बार असफल कोशिश की। जब वह कामयाब नहीं हो पाया तो पैसे की दम पर वह पुलिस को भी इस नाजायज काम में सहयोग के लिये बुला लाया। मोनू ने ससुराल में अपने को एक कमरे में बंद कर रखा है जहां न उसके पास खाना पीना पहुंच रहा है और न उनकी बात हो पा रही है। गंगादेवी ने ऐसी स्थिति बनी रहने पर अपनी पुत्री के साथ अनहोनी की आशंका प्रकट की है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक के सामने थाना पुलिस के इस रवैये पर क्षोभ प्रकट किया जिस पर पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जांच शुरू करा दी है। उन्होंने गंगादेवी को आश्वासन दिया कि जांच निष्पक्ष होगी और उनकी शिकायत सही होने पर संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोकने के लिये सरकार चाहे जितनी कटिबद्ध हो लेकिन जमीनी स्तर की हकीकत इससे मेल नहीं खाती। पुलिस के अपराध करने वालों के साथ मिली भगत के किस्से सरकार के इरादों पर पानी फेर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें उमरारखेरा निवासी गंगादेवी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की कि उनकी पुत्री का विवाह मोनू वेदी के साथ हुआ है जिसने शादी के एक वर्ष बाद ही अपनी मां के साथ मिलकर अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर उसकी पुत्री का उत्पीड़ने शुरू कर दिया। उसे मानसिक और शारीरिक यातनायें देनी शुरू कर दी। जब उसकी पुत्री ने प्रतिकार किया तो मोनू वेदी उसे त्यागने की धमकी देने लगा। इतना ही नहीं उसने रोशनी से तलाक का मुकदमा भी दायर कर दिया जिस पर वस्तु स्थिति के अनुरूप रोशनी की ओर से उसके खिलाफ दहेज और घरेलू हिंसा का मुकदमा महिला थाने में दर्ज करा दिया गया। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप एवं पुलिस से सांठ गांठ के दम पर मोनू ने थाने की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ने दी। हताश रोशनी को ब्लैकमेल करते हुये मोनू ने कहा कि अगर वह अपना मुकदमा वापस ले ले तो वह भी तलाक से पीछे हट जायेगा। मजबूरन रोशनी को समझौता करना पड़ा। पर इसके बाद मोनू अपने कथन से मुकर गया और उसने फिर भी रोशनी को अपने साथ रखने से इंकार कर दिया। उसने तलाक का मुकदमा जीतकर दूसरा विवाह करने का इरादा जताया।
इस दौरान रोशनी काफी दिनों तक अपने मायके में रही लेकिन गत एक नवंबर को करवा चैथ के दिन वह ससुराल पहुंच गयी तो मोनू ने उसे अपने घर से बाहर करने की कई बार असफल कोशिश की। जब वह कामयाब नहीं हो पाया तो पैसे की दम पर वह पुलिस को भी इस नाजायज काम में सहयोग के लिये बुला लाया। मोनू ने ससुराल में अपने को एक कमरे में बंद कर रखा है जहां न उसके पास खाना पीना पहुंच रहा है और न उनकी बात हो पा रही है। गंगादेवी ने ऐसी स्थिति बनी रहने पर अपनी पुत्री के साथ अनहोनी की आशंका प्रकट की है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक के सामने थाना पुलिस के इस रवैये पर क्षोभ प्रकट किया जिस पर पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जांच शुरू करा दी है। उन्होंने गंगादेवी को आश्वासन दिया कि जांच निष्पक्ष होगी और उनकी शिकायत सही होने पर संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।