उरई। राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सनातन धर्म के मुद्दे पर विपक्ष के इंडिया गठबंधन को आड़े हाथों लिया है। इंडिया गठबंधन को घमंडिया गठबंधन कहते हुए उन्होंने कहा कि इसमें शामिल एक दल ने सनातन धर्म को मिटाने का आवाहन किया है जबकि इंडिया के सहयोगियों की ऐसा करने की क्या हस्ती है। आक्रमणकारियों ने भी सैकड़ों वर्ष तक भारत की धरती से सनातन धर्म को उखाड़ फेंकने की कोशिश की लेकिन वे तक कामयाब नहीं हो पाये।
दिनेश शर्मा शुक्रवार को अमन रायल होटल में अखिल भारतीय साहित्य परिषद और संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सौजन्य से आयोजित 40 दिवसीय क्रांतितीर्थ यात्रा के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में जातियों के उत्पीड़न का इतिहास कभी नहीं रहा। यहां कर्म के आधार पर जातियों के गठन की व्यवस्था रही है जिसमें सभी जातियां समाज निर्माण के लिए उन्हें सौंपी गई अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभाते रहते थे। यह तो अग्रेज थे जिन्होंने देश को लम्बे समय तक गुलाम बनाये रखने के लिए जातिगत उत्पीड़न की धारणा को फैलाया। विपक्षी दल उन्हीं के नक्शे कदमों पर जातियों के मुद्दे उठाकर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं जो कामयाब नहीं हो पायेंगे।
उन्होंने कहा कि देश को स्वाधीनता तो मिल गई लेकिन स्वतंत्रता यानी स्व का तंत्र नहीं मिल पाया था। इस कार्य को मोदी सरकार ने बखूवी किया है और आगे बढ़ा रही है। इसीलिए सरकार ने तय किया कि राफेल आगे से भारत में बनेगा। हर क्षेत्र में स्व की छाप छोड़ने के लिए अपनी कृति को आगे लाया जा रहा है। पहली बार इससे स्व के तंत्र का एहसास लोग कर पा रहे हैं। उन्होंने संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रसंग की चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह कहा जाता था कि अगर 370 खत्म हुई तो देश में तूफान आ जायेगा और भारत को एक बार फिर बंटवारा झेलना पड़ेगा लेकिन मोदी के मार्ग दर्शन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 70 साल की समस्या का समाधान 70 मिनट के भाषण में अनुच्छेद 370 को हटाकर कर दिया और कहीं कोई तूफान नहीं आया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने गर्व के साथ कहा था कि उन्होंने कश्मीर में तिरंगा फहराया है लेकिन वे इस बात का श्रेय भाजपा को नहीं देंगे जिसके फैसले के कारण यह संभव हुआ। अगर मोदी सरकार ने 370 न हटाई होती तो तिरंगे की तो बात छोड़िये राहुल कश्मीर में पतंग भी नहीं उड़ा सकते थे। उन्होंने कहा कि आज भारत दूसरे देशों के हाथों जमीन गंवाने वाला देश नहीं रह गया है जैसा नेहरू जी के जमाने में था। चीन ने देश की जमीन पर कब्जा कर लिया तो नेहरू जी ने अपनी जमीन छोड़ दी। इसी तरह जब इन्द्रिरा जी का जमाना आया तो उन्होंने अपनी जीती हुई जमीन को बंग्लादेश को छोड़ दी। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और अखिल भारतीय संयुक्त परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डा पवन पुत्र बादल ने कहा कि अभी तक देश में औपनिवेशिक मानसिकता हावी रही है जिसके चलते इतिहास का गलत चित्रण हुआ। इन भूलों को अब सुधारा जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रहलाद वाजपेयी ने की। प्रदेश महामंत्री डा महेश पाण्डेय बजरंग ने कार्यक्रम का संयोजन और जिला प्रभारी अश्विनी मिश्रा आकाश ने संचालन किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष डा घनश्याम अनुरागी, सदर विधायक गौरी शंकर और माधौगढ़ विधायक मूलचन्द्र व भाजपा की जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित उपस्थित रहीं। सभा में पूर्व कस्टम कमिश्नर शंभूदयाल, पूर्व प्रधानाचार्य डा प्रयाग नारायण त्रिपाठी, भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री राम अनुग्रह सिंह राजावत, भीम यादव, शिक्षाविद आशीष मिश्रा आदि के अलावा संघ परिवार के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर देश की स्वाधीनता के लिए बलिदान देने वाली हुतात्माओं और क्रांतिकारियों के गांवों से लायी गई पवित्र मिट्टी के कलश का पूजन और उनके वंशजों का सम्मान किया गया।