जगम्मनपुर –उरई । बाजार में झाड़ू लगाकर एकत्रित किए गए कचड़े के ढेर में सफाई कर्मियों द्वारा प्रतिदिन लगाई जाने वाली आग से उठता विषाक्त धुआं ग्रामीण जीवन में जहर घोल रहा है।
रामपुरा थाना अंतर्गत जगम्मनपुर का ग्राम पंचायत स्तरीय ठीक-ठाक बाजार है । यहां नगर पंचायत अथवा नगर पालिका की तरह पर्याप्त संख्या में सरकारी सफाई कर्मचारी नहीं है। रामपुरा माधौगढ़ के समान क्षेत्रफल वाले ग्राम पंचायत जगम्मनपुर में मात्र दो सरकारी सफाई कर्मी है वह भी विकासखंड स्तरीय अधिकारियों के द्वारा यदा-कदा दूसरी पंचायतो में सफाई करने के लिए भेज दिए जाते हैं। जगम्मनपुर के दुकानदार अपने बाजार की साफ सफाई हेतु प्राइवेट सफाई कर्मी रखे हैं जिन्हें प्रतिमाह प्रति दुकान से निर्धारित पारिश्रमिक दिया जाता है । बाजार में सफाई करने वाले यह स्वच्छकार परिवार अलग-अलग निर्धारित हिस्सों में बाजार की सफाई लंबे समय से कर रहे हैं अतः यह परिवार बाजार को अपनी व्यक्तिगत जागीर मानकर मनमर्जी करते रहने के आदी हो चुके हैं । बाजार में किसकी दुकान के आगे सफाई करना अथवा ना करना और किसकी दुकान के आगे कचड़े का ढेर लगा देना यह सफाई करने वाले इन निरंकुश स्वच्छकारों की इच्छा पर निर्भर करता है।सफाई किए जाने के दौरान किसी सभ्रांत नागरिक द्वारा सफाई से संबंधित कोई बात सुनना या सुझाव इन मनमुखी स्वच्छकारों को नहीं भाता है और भौड़ा जवाब देकर सामने वाले को अपमानित करने से भी नहीं चूकते हैं । बाजार का दुकानदार अपनी इज्जत बचाने और एससी एसटी एक्ट से बचने के लिए अपमानित होकर भी चुप ही रहता है । बाजार की सफाई करने वाले इन महिला पुरुष स्वच्छकारों का सबसे खतरनाक रवैया यह है कि सुवह झाड़ू लगा सफाई कर कई जगह दुकानों के सामने कूड़े का ढेर एकत्रित कर उसमें आग लगा देते हैं जिससे उसे कचरे के ढ़ेर में शामिल विभिन्न प्रकार की वस्तुओं प्लास्टिक आदि के जलने से निकलने वाला धुआं इतना विषाक्त एवं असहनीय होता है कि अलख सवेरे स्वास्थ्य लाभ के लिए मॉर्निंग वाक पर जाने वाले युवक जवान वृद्ध महिला पुरुष इस जहरीले धुआं की चपेट में आकर छींकते-खांसते ,आंखों को मलते हुए मुंह दबाकर इस असहनीय वायुमंडल से निकलने के लिए बिलबिलाते हुए दिखाई देते हैं । बाजार में चाय की दुकानों पर सुबह की चाय पीने व अखबार पढ़ने , देश दुनिया तथा इधर उधर की चर्चा करने कुछ कहने कुछ सुनने और सामाजिक बातें करने के लिए एकत्रित होने वाले लोग आम सामाजिक ग्रामीण लोग सफाई करने वालों को आता देख जहरीले धुआं की चपेट में आने से बचने के लिए मन ही मन भुनभुनाते बड़बड़ाते मैदान छोड़कर छूमंतर हो जाते हैं और इन सीनियर सिटीजन को अपनी कारिस्तानी से भागते देख यह स्वच्छकार अपनी जीत मानकर मन ही मन गौरवान्वित व प्रसन्न होते हैं।