उरई।
उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक शनिवार को न्यायिक अधिकारियों ने नगर में संचालित वृद्धाश्रमों का औचक निरीक्षण किया जिसमें उनके द्वारा बहुत बारीकी से व्यवस्थाओं को परखा गया और इनके प्रबंधकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
न्यायिक अधिकारी सबसे पहले राठ रोड पर समाज कल्याण विभाग द्वारा कानपुर के एनजीओ के माध्यम से संचालित वृद्धाश्रम को देखने गये जिसमें 106 संवासी उपस्थित मिले। वृद्धाश्रम के संवासियों से पूंछा गया कि उन्हें चाय नाश्ता और सुबह शाम का भोजन समय से मिल रहा है या नहीं। संवासियों ने मैन्यू के अनुसार भोजन मिलने की पुष्टि की। न्यायिक अधिकारियों ने इस दौरान मैन्यू चार्ट को क्राॅस चेक भी किया। वृद्धाश्रम की मेडिकल डिस्पेंसरी का निरीक्षण किया गया तो स्टाफ नर्स उपस्थित थी। चिकित्सा और प्राथमिक उपचार की आवश्यक दवायें भी सुलभ मिलीं।
इसके बाद नगर पालिका परिषद उरई के सहयोग से मुहल्ला लहरियापुरवा में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में न्यायिक अधिकारियों ने विभिन्न बिंदुओं पर जांच पड़ताल की। निरीक्षण के समय उन्हें मौके पर 4 कर्मचारी तो उपस्थित मिले लेकिन एक गायब था। अनुपस्थित कर्मचारी के बारे में प्रबंधक विनय गौतम ने सफाई दी कि वह अवकाश पर है। आश्रय गृह के बाथरूम अत्यंत गंदे मिले और परिसर के अंदर और बाहर भी गंदगी पायी गयी। जिस पर नाराजगी प्रकट करते हुये न्यायिक अधिकारियों ने सारी गंदगी तत्काल हटवाने और आश्रय गृह में नियमित साफ सफाई कराने के हिदायत प्रबंधक को दी।
निरीक्षण करने वाली इस अनुश्रवण समिति में अपर जिला जज प्रथम अरूण कुमार मल्ल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार रावत और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव शामिल थी।