उरई । उत्तर मध्य रेलवे झांसी मंडल और एनडीआरएफ के द्वारा संयुक्त रूप से उरई स्टेशन की पांचवी लाइन नई माल गोदाम पर गुरुवार को मॉक ड्रिल किया गया। जिसमें झांसी दुर्घटना राहत ट्रेन पहुंची | दोपहर 12:00 बजे एनडीआरएफ के जवानों ने मॉक ड्रिल शुरू किया। सबसे पहले 5 वीं लाइन पर खड़े कोच में मॉडल शुरू किया गया जिसमें सबसे पहले दर्शाया गया कि अगर ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो सबसे पहले कटर के द्वारा कोच की खिड़की काटी जाए । इस कोच में स्काउट गाइड के जवान पहले से मौजूद यात्रियों की भूमिका निभा रहे थे | जैसे ही ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होती है जवानों ने तत्काल गटर के द्वारा खिड़की काटी और इस खिड़की से अंदर कोच में प्रवेश किया और स्टेटस पर लाभ कर भारत स्काउट गाइड के कैडिट को निकाल कर एंबुलेंस में स्वर किया। जहां से चिकित्सा टीम के पास उन्हें भेजा गया| इसके बाद विकट परिस्थितियों में कोच को ऊपर छत से काटा गया जिसमें फसे यात्री की भूमिका निभा रहे कैडिट को ऊपर निकाल कर रस्सी के द्वारा नीचे लाया गया जहां पर फिर एंबुलेंस के द्वारा चिकित्सा टीम के पास पहुंचाया गया | स्काउट कैडिटो में राजवीर , अनुभव प्रजापति , प्रांजुल परिहार , अभिषेक विश्वकर्मा , नवीन कुमार , नमन रावत , भारत कुमार क्षत्री का विशेष सहयोग रहा | इस पूरे मॉक ड्रिल को एनडीआरएफ ने निर्धारित समय में पूरा किया | रेलवे के संरक्षा विभाग परिचालन कमर्शियल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग टी आर डी स्वास्थ्य विभाग आरपीएफ जीआरपी जिला प्रशासन नगर पालिका में सहयोग किया | वही अपर मंडल रेल प्रबंधक आर डी मौर्या ने जानकारी दी कि उरई स्टेशन पर इस प्रकार का पहला मॉक ड्रिल कार्यक्रम किया गया जिसमें रेलवे विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन ने भी सहयोग किया | वरिष्ठ मंडल संरक्षा गिरीश कंचन ने कहा कि रेल में संरक्षा का विशेष महत्व है| बिना संरक्षा के रेल का परिचालन संभव नहीं है। एनडीआरएफ के कमांडेंट सूर्यकुमार मौर्य ने बताया कि अचानक कोई आपदा आती है तो सबसे पहले वहां नजदीकी लोगों को सहयोग करना चाहिए | उन्होंने बताया कि हमारे जवान कम समय में घटना घटित होने पर प्रयासरत रहते हैं कि रेस्क्यू जल्द से जल्द किया जाए जिससे लोगों की जान बचे और वह सकुशल अपने घर पहुंच सके | जिसमें जिला प्रशासन , सिविल पुलिस , रेलवे के संरक्षा विभाग, मैकेनिकल विभाग , इंजीनियरिंग विभाग , कमर्शियल , परिचालन , इलेक्ट्रिक टी आर डी , स्वास्थ्य विभाग के अलावा आरपीएफ , जीआरपी , सिविल प्रशासन से तहसीलदार , नगर पालिका, फायर सर्विस, एम्बुलेंस , यातायात पुलिस , जिला पुलिस ,जिला स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से भाग लिया| एनडीआरएफ के 35 जवानों के साथ रेलवे के मंडलीय अधिकारी , कर्मचारी, सुपरवाइजर सहित 100 लोगों ने भाग लिया | मॉक ड्रिल के समय रेलवे सुरक्षा बल ने चारों तरफ से सुरक्षा घेरा बना रखा था जिसमें बाहरी व्यक्ति न आ सके | इसके लिए आरपीएफ के जवानों को चप्पे-चप्पे पर लगाया गया था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्टेशन अधीक्षक एसके खरे,आरपीएफ इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार यादव, जीआरपी दरोगा लायक सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, डीपी सिंह,गंभीर सिंह,सीमा सिंह,रुदल साहनी,धर्मेंद्र पटेल,बीके पाल,ओपी पटेल, सी के गुप्ता, ओ पी पटेल, टीडी नायक मौजूद रहे।