उरई। लोकसभा चुनाव के लिए केन्द्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री भानुप्रताप वर्मा का धूम-धड़ाके के साथ पर्चा भरा गया। हालांकि वे मुहूरत विचरवाकर सादगी से पर्चों के कुछ सैट पहले ही दाखिल कर चुके थे। प्रतिद्वंदी दलों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों ने भी इस परंपरा का पालन किया। उन्होंने मुख्य रूप से पर्चा उस दिन भरा जिस दिन जुलूस की अनुमति मिली। इसके पहले तसल्ली के साथ वे भी खामोशी से अपने पर्चे भर आये थे।
प्रत्याशियों के लिए नामांकन जुलूस शक्ति प्रदर्शन का अवसर होता है। गुरूवार को समाजवादी पार्टी कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार ने अपने नामांकन जुलूस में ताकत दिखायी थी जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी भानुप्रताप वर्मा के भी सामने आज जुलूस के मामले में उनसे बड़ी रेखा खींचने की चुनौती रही। भाजपा जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी के संगठन ने इसी कारण पूरी ताकत झोंककर जुलूस के विशालतम प्रस्तुतीकरण का प्रयास किया। एकजुटता दिखाने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी, सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा और माधौगढ़ विधायक मूलचन्द्र निरंजन भी दमखम के साथ नामांकन सभा में उपस्थित रहे।
जुलूस की अहमियत बढ़ाने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चैधरी भी इस अवसर पर हैलीकाप्टर से आये। उनके अलावा विधान परिषद के सभापति मानवेन्द्र सिंह और कैबिनेट मंत्री राकेश सचान भी नामांकन का आकर्षण बढ़ाने के लिए उपस्थित हुए।
लोग कल हुए सपा के नामांकन और आज भाजपा के नामांकन को तौलते रहे और इस आधार पर जीत हार के अनुमान लगाते रहे। बहरहाल चुनाव परिणाम चाहे जो निकले लेकिन दोनों प्रत्याशियों के जुलूसों से यह साबित हो गया है कि इस बार का मुकाबला बेहद कड़ा है। हालांकि हर पक्ष आश्वस्त है कि उनके राष्ट्रीय नेताओं की सभा होने तक स्थिति उनके पक्ष में निर्णायक हो जायेगी।