लखनऊ। संवैधानिक नैतिकता के तहत ग्राम पंचायतों को संविधान द्वारा दिए संपूर्ण अधिकार दिलाकर ‘गांव सरकार’ स्थापित करने के उद्देश्य से कांग्रेस की साथी नैतिक पार्टी ने ‘गांव सरकार, संवैधानिक अधिकार’ अभियान की शुरुआत कर दी है, जिसका उद्देश्य ‘सांसद आदर्श ग्राम परियोजना’ के तहत ग्राम पंचायतों में हुए विकास कार्यों को सामने लाना है। इस अभियान की शुरुआत नैतिक पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के ग्राम जयापुर से की है, जिसे साल 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गोद लिया था।
वाराणसी के आराजी लाइन्स ब्लॉक के अंतर्गत गत दिवस ग्राम जयापुर पहुंचे नैतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रभूषण पांडेय ने ग्राम पंचायत का निरीक्षण कर ग्रामवासियों की समस्याएँ सुनी। इस दौरान चंद्रभूषण पांडेय ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में संविधान द्वारा दिए गए 29 विभागों की कुछ ही योजनाएं सिर्फ धरातल पर पहुंची हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र और उनके द्वारा गोद लिए गए गांव का ये हाल है तो बाकी गांव के हाल का अंदाजा आप लगा सकते हैं।
नैतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रभूषण पाण्डेय ने बताया कि उनका अगला पड़ाव सांसद स्मृति ईरानी के द्वारा गोद लिया अमेठी जिले का गांव सुजानपुर होगा, नैतिक पार्टी के ‘गांव सरकार, संविधानिक अधिकार’ का उद्देश्य ‘सांसद आदर्श ग्राम परियोजना’ के अंतर्गत भाजपा सांसदों और केन्द्रीय मंत्रियों के द्वारा गोद लिए गावों में जाकर विकास कार्यों का अवलोकन करना और संविधान द्वारा दिए ग्राम पंचायत के 29 विभागो की योजनाओं की जमीनी हकीकत को सामने लाना और ग्रामवासियों को इन योजनाओं के प्रति जागरूक करना है।
पीएम मोदी के गोद लिए गांव जयापुर के एक चौराहे का नाम ‘संविधान चौराहा‘ किया गया घोषित
‘श्री राम भी, संविधान भी’ अवधारणा के साथ नैतिक पार्टी ने एक नए अभिआन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक शहर, कस्बा और गांव में एक चौराहे का नाम “संविधान चौराहा” किया जाना है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रभूषण द्वारा शुरू किये गए इस अभियान को पहली सफलता भी मिल गई है बता दें प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा गोद लिए गए ग्राम पंचायत जयापुर के एक बस स्टैंड चौराहे का नाम ‘संविधान चौराहा’ घोषित किया गया। यह फैसला ग्राम सचिव, ग्राम प्रधान और बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामवासियों की उपस्थिति में लिया गया। इस दौरान ग्रामवासियों को जागरूक करते हुए चंद्रभूषण पाण्डेय ने कहा कि हर ग्राम पंचायत को संविधान ने स्वशासी संस्था का अधिकार दिया है, गांव की खुद की अपनी एक सरकार होनी चाहिए। गांव के लोगों के पास अपने गांव के हित में फैसले लेने का पूर्ण अधिकार है, केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन नहीं।