उरई । पराक्रम और शौर्य के धनी व मराठा साम्राज्य के प्रणेता छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वी जयंती पर जन उपकार सेवा समिति के तत्वावधान में बढ़ी धूमधाम से मनाई गई । जालौन रोड पर शिवाजी चौक पर सैकड़ों लोगों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके वीरता की कहानी भी लोगो को बताई। कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे जन उपकार सेवा समिति के अध्यक्ष चौधरी जय करन सिंह ने उनके चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिवाजी महाराज ने कभी इंसानी जाति से कभी भेदभाव नहीं किया | उन्होंने ही जल सेना का सर्वप्रथम गठन किया जिसका उपयोग उन्होंने अपने युद्ध में किया यही नहीं । उन्होंने बताया कि शिवाजी के चरित्र निर्माण में उनके गुरु रामदास का विशेष योगदान रहा | इन्होंने ही शिवाजी को मुगल शासक से छुटकारा पाने का पाठ पढ़ाया । चौधरी जय करन सिंह ने बताया कि वीर शिवाजी ने मात्र 16 वर्ष की आयु में मुगलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ डाला जिससे उनके छक्के छूट गए । उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉक्टर वीरेंद्र सिंह,संजीव सिंह गुड्डू,मानवेंद्र सिंह,नेतराम सिंह,राजेंद्र सिंह,लक्ष्मी निरंजन,जितेंद्र सिंह ,शिव पाल सिंह निरंजन,कमल सिंह, डॉक्टर विमलेश निरंजन,बब्बू राजा खरुसा,लाल सिंह निरंजन,उमाशंकर ,मेवा लाल निरंजन,सुशील निरंजन,राम सरन निरंजन,नृपेंद्र देव सिंह निरंजन,राजीव निरंजन आदि मौजूद थे ।