उरई | स्टेशन रोड स्थित सूफी हजरत गाजी मंसूर अली शाह उर्फ बेरी वाले बाबा का दो रोजा उर्स बडी धूमधाम से शुरू हुआ। पहले दिन फनकारों ने एक से बढ़िया एक कलाम पेश किये जिसे सुनकर अकीदतमंद झूमने को मजबूर हो गये। दरगाह शरीफ पर रात भर फ़ातिहाख्वानी का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान लोगो ने मन्नते भी मांगी |
बेरी वाले बाबा के 84 वें दो रोजा उर्स की शुरुआत बडी ही धूमधाम के साथ हुई। जहाँ नामचीन कव्वालों ने अपने फन का मुजाहरा कर रात भर श्रोताओ को बांधे रखा तो वही अकीदतमंदों के आंसू दरगाह शरीफ पर हाजिरी के समय नही रूक सके । उर्स के पहले दिन चादर को पेश किया गया । जिसको जायरीनों का काफिला शहर के बजरिया से लेकर पहुचा। जिसके बाद उलमाओं व हाफिजों की जमात ने फ़ातिहाख्वानी की। बाद में देर शाम महफिले शमा का आगाज हुआ जिसमें देश के प्रसिद्ध कव्वालों ने अपने कलाम पेश किये। कार्यक्रम की शुरुआत कलामे रब्बानी की आयात पढ़कर हाफिज शाहरुख ने की। जिसके बाद मुंम्बई से आये कव्वाल यूसुफ शोला ने हम्द और नात पेश की । जिसमे उन्होंने कहा “बिना उनके नमाजे न होगी कुबूल , शहे अम्बिया की जरूरत पडेगी। इसके बाद दिल्ली से फनकार गुलाम वारिस ने नात पढ़कर सभी को झूमने को मजबूर कर दिया। जिसमे कहा ” सारे नबियो में है रुतवा रसूलल्लाह का” । जिसको बार बार सुनने की लिए श्रोताओ ने फरमाइश की और खूब हाथो को उठाकर कव्वालों के साथ झूमे। इस तरह सूफियानी कलामों का सिलसिला रात भर चला। उर्स कमेटी के अध्यक्ष अनुभव चतुर्वेदी व चीफ कंट्रोलर हाफिज अब्दुल जब्बार ने मेहमानो का पगडी बांधकर इस्तकबाल किया। उधर जगह जगह लंगर के आयोजन किये गये जिसे लोगो ने खूब छका। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतेजाम रहे। पुलिस ने सभी रास्तो पर बेरिकेड्स खड़े कर बडे वाहनों पर रोक लगा रखी थी जिससे किसी प्रकार से जाम की समस्या न हो सके। कार्यक्रम का संचालन पप्पू थापा ने किया। इस दौरान उरई नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन विजय चौधरी,सज्जन भाई प्रोपर्टी डीलर, नजम हाशमी, सद्दाम , कैलाश प्रजापति, अजित माहेश्वरी, अकील अहमद पत्रकार, भूरे प्रोपर्टी डीलर, जुबेर खा, फिरोज कैसेट, पप्पू पठान, रिजवान खा, छोटू शाह, हाफिज फिरोज , मौलाना इमरान फेजी सहित तमाम जानी मानी शख्सियतों की मौजूदगी रही।