उरई। कुठौंद विकास खंड की ईंटों ग्राम पंचायत के राशनकार्ड धारकों को अधिकारियों की मनमानी का सामना करना पड़ रहा है। ईंटों के कोटेदार ने बीमारी की वजह से दिसंबर महीने में मेडिकल अवकाश ले लिया था। जिससे यहां का कोटा अब्दुल्लापुर के कोटेदार के यहां अस्थाई तौर पर संबंद्ध कर दिया गया था। कोटेदार के स्वस्थ्य हो जाने के बावजूद एसडीएम माधौगढ़ निहित स्वार्थ के कारण उसे चार्ज देने को तैयार नही हैं। जबकि ईंटों के राशनकार्ड धारकों को दूसरे गांव में सामग्री लेने के लिए जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। विडंबना की बात यह है कि इसकी शिकायत डीएम से की गई थी लेकिन एसडीएम के प्रभाव की वजह से राशनकार्ड धारकों को राहत देना तो दूर इस मामले में जांच की औपचारिकता भी नही की गई।
जन शिकायतों के निस्तारण को उच्च प्राथमिकता देने के सरकार के कड़े निर्देशों का जिले में मखौल उड़ रहा है। ईंटों के मेडिकल अवकाश पर चल रहे कोटेदार सुरेंद्र द्विवेदी ने गत् दिनों डीएम साहिबा संदीप कौर को प्रार्थना पत्र दिया था कि वे पूर्ण स्वस्थ्य हो चुके है लेकिन अब्दुल्लापुर के कोटेदार से सैटिंग होने के कारण एसडीएम माधौगढ़ प्रेमचंद्र यादव उनका कोटा बहाल नही कर रहे। डीएम ने माना कि यह अन्यायपूर्ण है लेकिन सुरेंद्र द्विवेदी का प्रार्थना पत्र अग्रिम कार्रवाई के लिए अग्रसारित करने की बजाय डीएम कार्यालय के लोगों ने रददी की टोकरी में डाल दिया। शासन-प्रशासन के प्रति लोगों की आस्था की नीव हिलाने वाली इस करतूत के कारण ईंटों के राशनकार्ड धारक बेहद निराश हैं। वे मुख्यमंत्री से जन शिकायतों को रददी की टोकरी में डालने की नौकरशाही की जुर्रत के खिलाफ शिकायत पर विचार कर रहे हैं।






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