0 गुरुकुलम वात्सल्य के वार्षिकोत्सव में बच्चों में बड़ी प्रतिभा के दर्शन हुए-कुमुद
उरई। रविवार को मंडपम सभागार में गुरुकुलम का वार्षिकोत्सव तमाम भव्यता के साथ आयोजित किया गया। विद्यालय के बच्चों ने एक ओर लोक नृत्यों की घटा बिखेरी तो दूसरी ओर अत्याधुनिक नृत्यों की चकाचैंध प्रस्तुत करते हुए उपस्थियों को चमत्कृत कर दिया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोक कलाविद अयोध्या प्रसाद गुप्त कुमुद को इस पर अपने संबोधन में कहना पड़ा गया कि विद्यालय ने वार्षिकोत्सव के लिए बच्चों को काफी अच्छे से तैयार किया है और बच्चों ने भी पूरी लगन से प्रस्तुतियां देकर राष्ट्रीय क्षितिज पर मौजूद अनेक बड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है। गुरुकुलम के प्रबंधक सौरभ माहेश्वरी तथा प्रबंधिका श्रीमती साक्षी माहेश्वरी ने अपने पृथक-पृथक संबोधन में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं की सराहना की और कहा कि विगत वार्षिकोत्सव की तुलना में इस वर्ष का उत्सव देखकर वह स्वयं चमत्कृत हैं कि यह हमारे उरई नगर के ही बच्चे है या फिर किसी महानगर के।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अयोध्या प्रसाद गुप्त कुमुद, विद्यालय के प्रबंधक एवं प्रबंधिका द्वारा माता सरस्वती के पूजन-अर्चन के साथ किया। सरस्वती वंदना कु. दिया व कु. नित्या के नृत्य के साथ की। इसके पश्चात प्रबंधिका श्रीमती साक्षी माहेश्वरी ने स्वागत उदबोधन दिया। पश्चात पीजी और नर्सरी के नन्हें-मुन्नें बच्चों की फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित की गई। फैन्सी ड्रेस के समय छोटे-छोटे बच्चों को विचित्र परिधानों और सजावट ने ऐसा प्रतीत कराया जैसे भिन्न-भिन्न प्रकार की तितलियों से सारा मंच और हाॅल भर गया हो। फैन्सी ड्रेस के इस तमाम फुलवारी को देखते हुए कार्यक्रम की उदघोषिकाओं प्रियंका कनकने तथा अदिति गुर्जर का कथन कि बच्चों की यह महकती चहचहाहट हमारे देश के भविष्य की चहचहाहट है पर सभी ने तालियों की तड़तड़ाहट से हाॅल गुंजा दिया।
कार्यक्रम में राई नृत्य, मेरा ढोलना, भरतनाट्यम, पैट्रिआॅटिक डांस, देश गान नृत्य लक्ष्य को पाना है, घनी बाबरी लोकनृत्य, पिरामिड नृत्य, इंग्लिश ड्रामा किंग लायर, बम-बम भोले, अक्कड़-बक्कड़, भूतनाथ, काला चश्मा, तुम्ही हो बंधु, जैसी 19 भव्य प्रस्तुतियां बच्चों ने दीं। लाइट एण्ड साउंड के प्रभावशाली इफेक्ट से उक्त सम्पूर्ण प्रस्तुतियों ने सभाकक्ष में उपस्थित अतिथियों, अभिवावकों तथा पत्रकार बंधुओं को किसी जादुई कथा, कल्पना लोक में पहुंचा दिया। कार्यक्रम को भव्य बनाने में प्रधानाचार्या भाविका सिंह, शशिकांत निरंजन, चेतना शर्मा, मंजू श्रीवास्तव, सोनल शर्मा, अराधना गुप्ता, शिवानी, सारिका, रिया, श्रुति, कपिल दीक्षित, पायल, महिमा, अवंतिका, गुरमीत, अर्चना शर्मा, आकाश, सुकन्या, रेनू श्रीवास्तव, मधु रहेजा तथा प्रतिभा दीक्षित आदि शिक्षक-शिक्षकाओं ने योगदान दिया। प्रस्तुति देने वालें बच्चों में स्वदेश, वर्णिका, वंशिका, तनिष्क शर्मा, अर्णव माहेश्वरी, समृद्धि, देव, ग्रन्थ, तेजस्वी, मिष्ठी, अंकुर, सूर्यांश, अंशुमान, अविका आदि के नाम प्रमुख हैं।






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