उरई। उरई सदर सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी महेंद्र सिंह कठेरिया ने जालौन टाइम्स के संवाददाता दीपक शर्मा से बातचीत में खुद को अप्रत्याशित तौर पर टिकट मिलने का जो कारण बताया उसे जानकर आप चैक सकते हैं।
महेंद्र कठेरिया के मुताबिक पिछली बार वे जिला पंचायत के सदस्य थे। समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए दांव पर लगी हुई थी। लाखों रुपये में सदस्य अपना वोट बेंच रहे थे लेकिन उन्होंने एक धेला नही लिया और पार्टी के वफादार सिपाही के नाते जितना हो सकता था अध्यक्ष पद पार्टी की झोली में लाना संभव बनाने के लिए योगदान किया। इसे लेकर उनकी ईमानदारी और वफादारी की जो तस्वीर पार्टी नेतृत्व की निगाह में थी उसी की बदौलत उन्हें मुख्यमंत्री जी और प्रदेश अध्यक्ष जी ने घर बुलाकर चुनाव लड़ने का लैटर थमा दिया।
उन्होंने कहा कि जो लोग उनकी इस अग्नि परीक्षा को जानते हैं वे निश्चित तौर पर इस बात पर विश्वास करेगें कि उन जैसा आदमी विधायक निधि में भ्रष्टाचार, कमीशनबाजी करना तो दूर इसके लिए सोच भी नही सकता।
चुने जाने के बाद विधायक के घमंड और निरीह, पीड़ित लोगों के लिए उसके अनुपलब्ध हो जाने के आम ख्याल को लेकर महेंद्र कठेरिया ने कहा कि वे कसम खाकर कहते हैं कि गरीब आदमी उनसे मिल न पाने का गिला शिकवा कभी नही कर पायेगा। वे चेहरा देखकर व्यवहार करने वालों में से नही है। पीड़ित आदमी चाहे उसकी आर्थिक हैसियत कितनी भी कमजोर न हो हमेशा उनकी हमदर्दी का पात्र होगा और वे उसे अपना किराया खर्च करके जिस स्तर पर जरूरत होगी उस स्तर पर जाकर उसकी मदद करायेगें।
महेंद्र कठेरिया ने कहा कि जहां तक सड़क, बिजली की हालत है उरई को अपने कार्यकाल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिलाने का सपना उन्होंने संजोया है। भले ही इसके लिए उन्हें उच्च स्तर पर अपने नेताओं से आरजू-मिन्नत करने को कितनी भी बार क्यो न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उनके क्षेत्र की सड़कें सपा सरकार के वर्तमान दौर से भी ज्यादा अच्छी हालत में अगले दौर में होगीं अगर वे जीते। महेंद्र कठेरिया का जज्बा तो सलाम करने के काबिल है लेकिन उरई क्षेत्र के मतदाता इस पर कितना यकीन करते हैं यह बात 23 फरवरी को मतदान के दिन पता चलेगी।






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