0 मामला व्यापारी को फिरौती में तीस लाख के मैसेज का
0 दो आरोपी गिरफ्तार, जांच आगे भी चलती रहेगी
16orai12कोंच-उरई। गुजरी 12 जनवरी को कस्बे के एक बड़े व्यापारी को तीस लाख रूपये की फिरौती मांगने का जो मैसेज भेजा गया था उसका आज पुलिस ने पूरी तरह से पर्दाफाश कर दिया है। हालांकि मामले के प्रथमदृष्टया दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और एक तरह से मामले का पटाक्षेप हो गया है लेकिन इसके तार कहीं और तो नहीं जुड़े हैं, इस बिंदु को लेकर चैकन्नी पुलिस अभी जांच को और आगे तक ले जायेगी। यहां गौर करने बाली बात यह है कि भेजे गये फिरौती के मैसेज में नीचे दुर्दांत आतंकी संगठन आईएसआईएस लिखा गया है जिसका सीधा सा मकसद व्यापारी में इतना खौफ भर देना था कि वह आसानी से उनके चंगुल में आ जाये और किसी को कानों कान खबर भी न दे।
मामले का खुलासा करते हुये कोतवाल रूद्रकुमार सिंह ने बताया है कि मामले से जुड़े दोनों आरोपियों अर्जुनसिंह यादव पुत्र आशाराम निवासी ग्राम अखनीबा थाना नदीगांव तथा केशभानसिंह पुत्र सरनामसिंह गुर्जर निवासी ग्राम कन्हरी थाना नदीगांव को मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम जिसमें उनके अलावा दरोगा रवीन्द्रकुमार त्रिपाठी, उदयपाल सिंह, राजेन्द्र द्विवेदी, शिवाकांत आदि शामिल थे, ने बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर दोनों को में जेल भेज दिया गया है। चूंकि इन लोगों ने जो मोबाइल खरीदा था वह फर्जी नाम से खरीदा गया था लिहाजा दफा 420 और बढाई गई है क्योंकि इससे यह बात भी साफ हो जाती है कि अपराध करने के लिये बाकायदा प्लानिंग की गई थी। घटना के बाबत उन्होंने बताया कि दोनों अभियुक्तों ने पटेलनगर स्थित मोहित अग्रवाल की दुकान से -1 दिसंबर 2015 को फर्जी नाम सूर्यप्रकाश सिंह निवासी भेंड़ के नाम से मोबाइल खरीदा था और 12 जनवरी 2016 को व्यापारी संजय अग्रवाल दतिया बाले के मोबाइल पर 9.58 बजे मैसेज डाला गया कि,

संजय अपनी और अपने बश्चे की जान बचाना चाहते हो तो दो दिन के अंदर 30 लाख चाहिये। जान सलामत चाहते हो तो कोई होशियारी नहीं दिखाना- आईएसआईएस

इस मैसेज के आधार पर छानबीन में सर्विलांस का बेहतर इस्तेमाल करते हुये पुलिस ने महज दो दिन में ही आईईएमआई के आधार पर न सिर्फ मोबाइल को ट्रेस कर लिया बल्कि मामले में बाबस्ता दोनों अभियुक्त भी उनकी गिरफ्त में आ गये। गहन पूछताछ में यह बात निकल कर भी सामने आई है अभियुक्तों की निगाह में संजय काफी बड़ी मूंजी है और उसको धमका कर पैसा ऐंठा जा सकता है, सो उन्होंने इस अपराध में हाथ डाल दिया। अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस के नाम का उपयोग केवल खौफ भरने के लिये किया गया है ताकि व्यापारी बुरी तरह डर जाये और बिना किसी को कुछ कहे फिरौती की रकम दे दे। बहरहाल, दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ एक तरह से मामले का पटाक्षेप हो गया है लेकिन यह जांच अभी आगे भी जारी रखने के संकेत कोतवाल ने दिये हैं। उन्होंने अधजली लाश मामले में भी संजय को ब्लैकमेल किये जाने की संभावना से इंकार नहीं किया है, यह भी जोड़ा है कि इस मामले के तार और कहां कहां जुड़े हो सकते हैं, इन सारी संभावनाओं को दृष्टिड्ढगत रखते हुये फिलहाल जांच चलती रहेगी।

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