0 अनुभवहीन अधिकारियों की बजह से झेलना पड़ा इलाकाई बाशिंदों को
0 ब्लैक आउट के साथ ड्राईनेस भी, पानी की एक एक बूंद को तरस गये कस्बाई लोग
कोंच-उरई। गुजरी 14-15 जनवरी की रात दो बजे से गुल कोंच की बत्ती जब तैंतीस घंटे बाद भी पटरी पर नहीं लौटी तो जनता में उबाल आ गया, भाजपा ने अगुवाई करते हुये चंदकुआ चैराहे पर चक्का जाम करके आवागमन में अश्छा खासा खलल पैदा कर दिया। पार्टीजनों के साथ जनता भी बिजली अव्यवस्था के खिलाफ बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ साथ सरकार को भी पानी पी पी कर कोस रही थी। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच कर प्रदर्शन कारियों को समझाने का पुरजोर प्रयास किया लेकिन आंदोलनकारी बिजली से कम किसी बात पर राजी नहीं थे। बमुश्किल वे इस आश्वासन के बाद वहां से हटने को राजी हुये कि एक घंटे में अगर बिजली नहीं आई तो वे बाजार बंद करायेंगे। गनीमत यह रही कि इसी एक घंटे के दरम्यांन बिजली का फॉल्ट मिल गया और बाजारबंदी की नौबत नहीं आ सकी। यहां गौरतलब यह है कि अनुभवहीन अधिकारियों की बजह से जनता को यह कष्टदाई क्षण झेलने के लिये मजबूर होना पड़ा।
हालांकि कोंच की बिजली व्यवस्था का बेपटरी होना कोई नई बात नहीं है और शट डाउन, बे्रक डाउन तथा ट्रिपिंग जैसी समस्याओं को झेलने का अश्छा खासा अनुभव यहां के लोगों को है, लेकिन गुजरे तैंतीस घंटे पिछले अनुभवों से बिल्कुल जुदा रहे क्योंकि उरई कोंच के बीच आये फॉल्ट को ढूंढने में ही डेढ दिन और एक रात का समय बाकई रूलाने बाला रहा जिसका नतीजा यह रहा कि भाजपा आम लोगों की तरफदारी में सड़कों पर आई और चंदकुआ जैसे अति व्यस्ततम मुख्य राजमार्ग पर जब जाम लगा तो प्रशासन को भी मुश्किल पड़ गई। एक घंटे के मिले आश्वासन के बीच बिजली आने से जनता का उबाल थम गया वरना बाजारबंदी की योजना थी। दरअसल, लगातार बिजली नहीं आने के कारण लोगों के इन्वर्टर तो जबाब दे ही गये, लोगों को एक बूंद पानी भी नहीं मयस्सर हो सका। यानी ब्लैक आउट के साथ साथ ड्राईनेस की स्थिति कोढ में खाज जैसी स्थिति बना गई। यद्यपि बिजली विभाग के खिलाफ यद्यपि लोगों का गुस्सा कल से ही सामने आने लगा था लेकिन जनता को नेतृत्व नहीं मिल पाने के कारण वह अपने गुस्से को पीती रही। आज जब पानी सिर से ऊपर हो गया और बत्तीस घंटे बाद भी जब यही सूचना मिलती रही कि अभी भी फॉल्ट नहीं मिला है तो लोगों का धैर्य जबाब दे गया और मुद्दा लपक लिया भाजपा ने। पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष मूलचंद्र निरंजन, बारसंघ अध्यक्ष विनोद अग्निहोत्री, नगर अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, पूर्व नगर अध्यक्ष सुनीलकांत तिवारी आदि की अगुवाई में सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और जनता के लोगों ने व्यस्ततम चुदकुआ चैराहे पर जाम लगा दिया और सरकार तथा बिजली विभाग को कोसते रहे। कोतवाली के दरोगा दिनेश यादव व उदयपाल सिंह ने मौके पर जाकर प्रदर्शन कारियों से वार्ता कर बमुश्किल जाम हटवाया। इस दौरान नरोत्तम स्वर्णकार, राकेश वर्मा, नरेश वर्मा, अंकित सोनी, मिरकू महाराज, सागर अग्निहोत्री, धर्मेन्द्र राठौर, श्यामविहारी तीते, अमित उपाध्याय, जगदीश अग्रवाल, महेन्द्र सोनी लला, विकास पटेल धनौरा, अनिल अग्रवाल, उदय सोनी, अजय सोनी, बलराम डेंगरे, डीके सोनी, दीपू अग्रवाल, शैलेन्द्र नगरिया, दीपक मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
आखिर क्या था पूरा मामला..?
विगत 14-15 जनवरी की रात दो बजे से बिजली की नियमित रोस्टिंग होती है सो दो बजे बत्ती चली गई लेकिन जब दिन चढे तक बिजली नहीं आई तो पावर हाउस के फोन बजने लगे। बताया गया कि कोंच विद्युत उपकेन्द्र ब्रेक डाउन में चला गया है। सुबह आठ बजे तकनीशियनों की टीमें फॉल्ट ढूंढने के लिये रवाना होती हैं और धीरे धीरे पूरा दिन निकल गया, परछाईयां लंबी होती गईं लेकिन बत्ती अब न तब। मामला जिले के आला अधिकारियों तक पहुंचा, डीएम ने यहां के एसडीएम को व्यवस्था देखने के लिये लगाया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात से ज्यादा आगे नहीं बढा, यहां तक कि पूरी रात ब्लैक आउट रहा, सबेरे भी जबाब वही कि अभी फॉल्ट नहीं मिला है। इस तरह बत्तीस घंटे गुजर जाने के बाद लोगों का गुस्सा सड़कों पर आकर फूटा। दिलचस्प यह है कि कोंच उरई के बीच पैंतीस किमी में फॉल्ट तलाशा जाता रहा जबकि फॉल्ट मिला कोंच से चार किमी दूर भदारी के पास जहां एक इंसुलेटर का बस्र्ट होना बताया गया है।






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