17orai06कोंच-उरई। पिछले साल की तबाही अभी किसान भूला भी नहीं है और इस साल भी जरा मौजे में एक तरह से तबाही आ गई है। वहां से गुजरने वाली जरा माइनर में बेहिसाब पानी आ जाने से वह अपनी सीमायें तोड़ कर अन्ना खेतों में जलप्लावन की स्थिति बना रही है। किसानों की खड़ी फसलों के हजारों एकड़ खेत तालाब बन गये हैं जिससे उनके बर्बाद होने की आशंका पूरी तरह से बलवती हो गई है।
पिछले साल अतिवृष्टि और ओलावृष्टि की मार से डरा सहमा किसान अब किसी भी तरह के नुकसान को झेल पाने की स्थिति में नहीं है। पिछले साल तो ऊपर वाले की मुंदी मार किसान पर पड़ी थी जिसकी भरपाई सरकार अभी तक नहीं कर सकी है, लेकिन जरा मौजे में जो स्थिति बनी है वह नहर विभाग की घोर लापरवाही का नमूना है। बताया गया है कि जरा माइनर में बेसी पानी आने से वह अपनी सीमायें लांघ गई है और पानी बेतहाशा खेतों में विचरने लगा है। हजारों एकड़ खेत तालाब बन गये हैं, किसानों की मटर, मसूर, चने, सरसों आदि की फसलें पानी में डूब गई हैं जिनके बचने के अब कोई आसार नहीं रह गये हैं। गांव के किसानों की अगर मानें तो वे पूरी तरह से बर्बाद हो गये हैं, नहर विभाग के अधिकारियों के यहां लगाई गई गुहार का भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। गांव के प्रगतिशील कृषक रामकिशोर पुरोहित का कहना है कि माइनर की सफाई नहीं कराये जाने के कारण यह हालात बने हैं, अगर ढंग से बाकई साफ सफाई कराई गई होती तो किसानों को नुकसान से बचाया जा सकता था।

17orai07जरा निवासी लवेश पांचाल का कहना है कि उनकी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं और अब उनके सामने साल भर अपने बाल बश्चों का पेट भरने की समस्या मुंह बाये खड़ी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सर्वे करा कर न सिर्फ उन्हें व अन्य किसानों को मुआवजा दिलाया जाये बल्कि लापरवाह लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी की जाये ताकि आइंदा इस तरह की समस्या सामने न आये।
-लवेश पांचाल

17orai08गांव के ही लघु किसान शोभा वर्मा भी इस जलप्लावन की स्थिति को लेकर काफी असहज हैं, उनका मानना है कि नहर विभाग के लोग कागजों में नहरों और माइनरों की साफ सफाई दिखा कर सरकारी पैसे का बंदरबांट कर लेते हैं और भोगना पड़ता है बेचारे किसानों को। इस उफनाई माइनर का भी यही हाल है, नहरें छोड़े जाने के बाद विभाग के लोग इनका संचालन कि कहां क्या स्थिति है, देखना भी गवारा नहीं करते हैं।
-शोभा वर्मा

क्या कहते हैं जिम्मेदार..?
17orai09कोंच के उपजिलाधिकारी संजयकुमार सिंह का कहना है कि फिलहाल यह बात उनके संज्ञान में नहीं है लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो वह अभी संबंधित नहर विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजते हैं ताकि माइनर का पानी व्यवस्थित कराया जा सके। इसके अलावा संबंधित लेखपाल को भी मौके पर भेजा जा रहा है। किसानों का नुकसान नहीं होने दिया जायेगा।
-एसडीएम संजयकुमार सिंह

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