0 कोंच में सबसे ज्यादा पांच दावेदार हैं सत्ताधारी दल सपा का टिकिट पाने के लिये
कोंच-उरई। ब्लॉक प्रमुख के चुनाव का बिगुल भी लगभग बज ही गया है 28 जनवरी को चुनाव कराये जाने के मिले संकेतों के बीच चुनावी हलचलें यकायक बढ गई हैं। सपा हाईकमान ने भी प्रत्याशी चयन की गेंद जिला इकाई के पाले में डाल कर जहां उसकी पूंछ बढाई है, वहीं उसके सामने कई बड़ी चुनौतियां भी खड़ी कर दी हैं जिससे प्रत्याशी चयन उसके लिये नाकों चने चबाने से कम नहीं होगा।
हालिया निपटे जिला पंचायत चुनाव में सपा प्रत्याशी फरहा नाज को किस प्रकार से निर्विरोध जीत दिलाई गई यह किसी से छिपा नहीं है और इस जीत में अन्य जो भी फैक्टर रहे हों, सपा जिलाध्यक्ष चैधरी धीरेन्द्र यादव की सियासी समझबूझ और छेदरहित रणनीति के सभी कायल रहे हैं। इस जीत ने पार्टी शीर्ष तक उनकी धाक बनाई भी है और वही परिणाम ब्लॉक प्रमुखी के चुनाव में भी उनसे पार्टी आलाकमान द्वारा अपेक्षित होंगे। जिले में नौ ब्लॉक हैं और लगभग हर ब्लॉक में कई कई दावेदार सपा प्रत्याशी के तौर पर खम ठोंकने के हामी हैं। दावेदारों का मानना है और चुनावी गणित भी इस बात की खुली उद्घोषणा करता है कि सत्ता दल का समर्थन जीत की गारंटी जैसा ही है। कोंच तहसील में दो ब्लॉक कोंच एवं नदीगांव हैं और दोनों ही ब्लॉकों में सपा टिकिट से एक से अधिक दावेदार हैं। टिकिट उन्हें ही मिलना चाहिए, इसके लिए सभी के अपने अपने तर्क हैं। किसी का तर्क है कि वे पार्टी के पारंपरिक कार्यकर्ता हैं और उनकी सेवाओं का प्रतिफल उन्हें मिलना ही चाहिए। किसी ने पार्टी को बाप दादाओं से मिली विरासत बता कर टिकिट पर अपना हक जताया है। कोई बड़े पदाधिकारी का रिश्तेदार है तो कोई खुद अपने कद की दुहाई देकर टिकिट का तलबगार है।
दोनों ब्लॉकों में जो ताजा सियासी रुझान मिल रहे हैं उनमें कई कद्दावरों के नाम सामने आ रहे हैं खासतौर पर कोंच ब्लॉक पर सभी की निगाहें जमीं हैं क्योंकि यहां सपा जिलाध्यक्ष के भाई की भी दावेदारी पूरी मजबूती के साथ सामने आ रही है। कोंच ब्लॉक की अगर बात करें तो खुद सपा जिलाध्यक्ष चैधरी धीरेन्द्र यादव के अनुज चैधरी मोहनसिंह डंपी टिकिट की दौड़ में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा मौजूदा ब्लॉक प्रमुख चंद्रपाल सिंह निरंजन के बेटे सत्येन्द्र उर्फ शीलू पडरी तथा पूर्व ब्लॉक प्रमुख उमाशंकर निरंजन जखौली की पत्नी किरन के नामों की भी चर्चायें जोरों पर हैं। अब यह अलग बात है कि यह सभी नाम एक ही गुट के लोगों के हैं और मोहनसिंह के नाम पर इन्हें अपने पैर बापिस खींचने में दो सेकंड भी नहीं लगेंगे। इसके इतर दो और नाम भी जोरदारी के साथ चर्चा में चल रहे हैं ऐंद्रकुमार सिंह निरंजन बबलू विरगुवां और उनके चचेरे भाई देवेन्द्रसिंह निरंजन छुन्ना विरगुवां के। यह भी हालांकि सत्तादल से जुड़े बताये जाते हैं, लेकिन फिलहाल इनकी हांडी अलग ही पक रही है। उधर, नदीगांव ब्लॉक में भी एकाधिक दावेदार सामने हैं जिनमें कई बार ब्लॉक प्रमुख रहे बाबू जगजोतसिंह गुर्जर जरा के बेटे जमींपालसिंह पवन तथा मौजूदा नगर पंचायत अध्यक्ष रणवीर यादव की मां और पार्टी के वरिष्ठ नेता अनारसिंह की पत्नी शारदादेवी इस टिकिट के लिए आमने सामने हैं। ऐसी स्थिति में पार्टी जिलाध्यक्ष के सामने पशोपेश की स्थिति यह बन रही है कि किसे दें और किसे नहीं?

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