उरई। शहीद-ए-आजम भगत सिंह को दिल्ली यूनीवर्सिटी के पाठ्यक्रम में आतंकवादी के रूप में पढ़ाये जाने की यहां भी तीखी प्रतिक्रिया हुई है। प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष डाॅ. रामाधीन और इप्टा अध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला ने संयुक्त बयान में कहा कि भगत सिंह को आतंकवादी बताना राष्ट्रवाद और जनभावनाओं का मखौल उड़ाना है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में एक किताब में छपा है कि क्रांतिकारी, जननायक, शहीद-ए-आजम भगत सिंह आतंकवादी थे। यह शर्मनाक पराकाष्ठा है कि आने वाली पीढ़ी को हम क्या पढ़ाने जा रहे हैं। शहीद भगत सिंह एक मात्र कांतिकारी थे जो आजादी चाहते थे। शोषण से सम्राज्यवादी व्यवस्था से जिनका सपना था कि आजाद हिन्दोस्तान, श्रमिकों, किसानों, शोषित, महिलाओं, नवजवानों के सपनों का भारत। हम सभी रंगकर्मी बुद्धिजीवी वर्तमान केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तत्काल इस प्रकार के शर्मनाक इतिहास को हटाया जाए। यह विचार इप्टा सचिव राज पप्पन, सुधीर अवस्थी, डाॅ सतीश चंद्र शर्मा, धनीराम, देवेंद्र, संजीव, यूसुफ इश्तियाक एडवोकेट, धर्मेंद्र ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।






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