उरई। विकास भवन में आयोजित जिला योजना 2016-17 की बैठक में चुनावी अखाड़ेबाजी की झलक देखने को मिली। माधौगढ़ क्षेत्र के बसपा विधायक संतराम कुशवाहा ने विकास कार्यों को लेकर सरकार की नीयति पर सवाल उठाये तो समाजवादी पार्टी के नेता भड़क उठे। पहले संतराम कुशवाहा और घनश्याम अनुरागी के बीच बहस हुई। इसके बाद सदर विधायक दयाशंकर वर्मा संतराम कुशवाहा से उलझ गये। इस नोंक-झोंक से बैठक का माहौल गर्म हो गया। अफसरों ने इसमें बिना बोले खूब चुस्की ली। आखिर में अध्यक्षता कर रहे प्रभारी मंत्री ब्रहमाशंकर त्रिपाठी ने कहा कि राज्य सरकार बुंदेलखंड के लिए इतने काम कर रही है लेकिन बसपा विधायक को यह नजर न आयें तो क्या किया जा सकता है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष की प्रस्तावित जिला योजना को पारित कराने के लिए आज योजना समिति की बैठक हुई। योजना समिति के सदस्यों का इरादा पिछले कार्यों को लेकर निर्माणकर्ता विभागों को निशाने पर लेने की थी। जिससे इन विभागों के अधिकारी सहमे हुए थे। लेकिन चुनावी वर्ष के रोमाचंक माहौल में बहस की दिशा दूसरी ओर मुड़ गई। तेजी से विकास कार्य कराने का श्रेय बटोरने की तैयारी करके आये समाजवादी पार्टी के नेताओं पर बसपा विधायक संतराम कुशवाहा हमलावर हो गये। उन्होंने सपा नेताओं के दावों की खिल्लियां उड़ाते हुए कहा कि जालौन जिले में कुछ नया देने की बजाय यहां की दूध डेयरी को झांसी की डेयरी में विलय करके राज्य सरकार ने जनभावनाओं पर कुठाराघात किया है। इससे तिलमिलाए पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी ने विधायक को आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि झांसी में डेयरी का स्वरूप बड़ा बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। जिससे रोजगार सृजन भी बढ़ेगा और दूध व उसके उत्पादों की क्वालिटी में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार बहुत कुछ कर रही है। यह सरकार बसपा की सरकार जैसी नही है जिसमें जो खड़ा था वह खड़ा ही रह गया।
इसके बाद सड़क निर्माण पर चर्चा चली तो एक बार फिर सपा और बसपा नेता आमने-सामने आ गये। उन्होंने कहा कि फोरलेन बनवाने पर सरकार इसलिए ध्यान दे रही है क्योंकि यह लग्जरी गाड़ी मालिकों की सुविधा का का मामला है। लेकिन उरई, कोंच रोड और ग्रामीण संपर्क मार्गों पर सरकार का कोई ध्यान नही है क्योंकि इनकी जरूरत गरीब और आम आदमियों को है। संतराम कुशवाहा के इस आक्षेप पर दयाशंकर वर्मा आगे आ गये जो कि सरकार की हिमायत में बढ़त ले रहे अपने प्रतिद्वंदी घनश्याम अनुरागी के पैतरें को देख खुद भी संतराम कुशवाहा पर कड़े प्रहार के लिए पहले से ही घात लगाकर बैठ गये थे। उनमें और संतराम कुशवाहा में काफी देर झड़पें हुई। नेताओं की लड़ाई में अपने को बचता देख अधिकारी काफी सुकून मे थे। हालांकि ऊपरी तौर पर तो वे बैठक में उदासीनता ओढ़े हुए थे लेकिन अंदर ही अंदर वे नेताओं की लड़ाई का पूरा मजा ले रहे थे।
इस बार 4 अरब 64 करोड़ 48 लाख रुपये की जिला योजना प्रस्तावित की गई है। पिछले वर्ष 4 अरब 62 करोड़ 98 लाख रुपये की जिला योजना प्रस्तावित हुई थी। हालांकि इसमें केवल 1 अरब 63 लाख 93 हजार का बजट ही निर्गत हो पाया था। इस बार जिला योजना समिति ने सबसे ज्यादा मेहरबानी फर्जी वृक्षारोपण के लिए देश विदेश में नाम कमाने वाले वन विभाग पर दिखाई। वन विभाग ने खुद बड़ी मशक्कत करके 451.85 लाख रुपये की कार्ययोजना प्रस्तावित की थी। लेकिन योजना समिति ने इसमें लगभग 1635 रुपये की बढ़ोत्तरी कर वन विभाग के लिए 2087.21 लाख रुपये प्रस्तावित किये। दूसरी ओर लोक निर्माण के प्रस्तावों पर योजना समिति ने कैंची चला दी। पीडब्लूडी ने 11120.92 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया था। लेकिन योजना समिति ने उसके लिए 9485.96 लाख रुपये ही मंजूर होने दिये।
सांसद भानु प्रताप वर्मा कोंच में उनकी मां की त्रयोदशी होने की वजह से बैठक में शामिल नही हो पाये। इसके अलावा सभी जनप्रतिनिधि, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व समस्त विभागाध्यक्ष बैठक में उपस्थित रहे।






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