उरई। भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) उरई द्वारा ग्रीष्म कालीन रंगमंचीय कार्यशाला (25 दिवसीय) रंगकर्मी, सिने अभिनेता इप्टा के संस्थापक बलराज साहनी की याद मेें गांधी इंटर काॅलेज में शुक्रवार से शुरू हो गई।
गांधी इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. रवि कुमार अग्रवाल ने बच्चों को बताया कि इप्टा विगत लगातार रंगमंचीय कार्यशाला 8 वर्षों से निःशुल्क करती आ रही है। बच्चों में आत्म निर्भरता, जीवन को संयमित रखना, उच्च कोटि का साहित्य बढ़ना, पेन्टिंग, प्रकृति के प्रति पे्रम, सामाजिक बुराइयों इत्यादि से नुक्कड़ नाटकों के माध्यम् से बच्चों को जागरूक करना इप्टा का उददेश्य है। प्रत्येक कक्षा में जाकर प्रधानाचार्य ने बच्चों से कहा कि रंगमंचीय प्रशिक्षण में अधिक से अधिक समय देकर प्रशिक्षण प्राप्त करें।
इप्टा अध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला ने कहा कि रंगमंचीय कला के माध्यम् से बच्चों में बौद्धिक विकास के साथ ही जीवन को समझने, समाज का मनोविज्ञान समझने की समझ बढ़ने लगती है। इप्टा लगातार स्कूलों, काॅलेजों में बच्चों को जागरूक करने का कार्य करता है।
वर्तमान व्यवस्था में शिक्षा का स्तर व्यवसायिक होता जा रहा है। प्रत्येक मनुष्य वस्तु बनता जा रहा है ऐसे दौर में मानवीय संवेदनाएं कला के द्वारा साहित्यिक रुचि बनाकर ही समाज के शैक्षिक स्तर को जीने लायक बनाया जा सकता है। रंगमंचीय प्रशिक्षण के द्वारा इप्टा ने अभी तक हजारों बच्चों को प्रशिक्षित निःशुल्क किया है। यह विचार रंगकर्मी राज पप्पन ने प्रस्तुत किये।






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