कालपी। लाक डाउन पार्ट 2 में गैर प्रांतों से आए परदेशियों को कालपी नगर में क्वारंटीन किए जाने के बाद सूबे की सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा सरकारी रोडवेज बसों के द्वारा उनके गृह जनपदों के लिए रवाना किया गया जबकि गैर प्रांतों बिहार व मध्य प्रदेश के लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है।
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लाक डाउन पार्ट 2 में गैर प्रांतों से आ रहे परदेशियों का बड़ा हब बन चुके कालपी सहित पूरा जनपद प्रभावित हो रहा था। जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर व विधायक नरेंद्र सिंह जादौन, भाजपा जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह बना, विधायक मूलचंद निरंजन विधायक गौरीशंकर वर्मा आदि के प्रयास से सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा, बस्ती, बहराइच, सिद्धार्थ नगर, जौनपुर, गोरखपुर, बलरामपुर आदि जनपदों के लोगों को उनके गृह जनपदों तक भेजने की व्यवस्था की। कालपी कालेज कालपी के क्वारंटीन सेंटर से दोपहर तीन बजे के करीब 127 लोगों को खानापीना खिलाकर व रास्ते के लिए भोजन के पैकेट देकर सरकारी रोडवेज बसों के द्वारा उपजिलाधिकारी कालपी कौशल कुमार, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका सुशील कुमार, चेयरमैन प्रतिनिधि जगजीवन अहिरवार, आरआई रामभवन सिंह की मौजूदगी में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बीच रवाना किया गया जबकि गैर प्रांतों को जाने वाले बिहार व मध्य प्रदेश के करीब चालीस लोगों को कालपी कालेज कालपी में अभी भी क्वारंटीन में रखा गया है जबकि दयानंद बाल विद्या मंदिर में क्वारंटीन सात लोगों के जाने के बाद पांच लोगों को तरीबुल्दा में क्वारंटीन किया गया है जबकि चार लोग अभी भी रुके हैं। यही नहीं तहसील क्षेत्र के कदौरा गफूर खां महाविद्यालय से सरकारी रोडवेज की मेहमान नवाजी के साथ उन्नीस लोगों को उरई मुख्यालय भेजा गया है। इस क्वारंटीन सेंटर में आधा दर्जन लोग शेष बचे है। वहीं तहसीलदार कालपी शशिविंद द्विवेदी के मुताबिक तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बासठ लोग क्वारंटीन में रखे गए हैं।
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क्वारंटीन पूरा कर चुके सात लोगों को भेजा गया घर
कालपी। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए गैर प्रांतों से आए सात लोगों को स्थानीय प्रशासन ने दयानंद बाल विद्या मंदिर में क्वारंटीन किया गया था जिनकी चौदह दिन की अवधि पूरी होने पर खाद्य सामग्री देते हुए तहसील प्रशासन ने उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया। चौदह दिन पूर्व महाराष्ट्र के नासिक से कालपी के मोहल्ला राजघाट अपने घर परदेश से वापस आए सात परदेशियों को तहसील प्रशासन द्वारा दयानंद बाल विद्या मंदिर कालपी में क्वारंटीन किया गया था। मंगलवार की सुबह उन्हें उपजिलाधिकारी कालपी कौशल कुमार की मौजूदगी में तहसीलदार शशिविंद द्विवेदी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका सुशील कुमार दोहरे, चेयरमैन प्रतिनिधि जगजीवन अहिरवार, आरआई रामभवन सिंह, नोडल अधिकारी सरफराज द्वारा सात क्वरांटीन किए गए लोगों को सुबह नाश्ता व खाना के अलावा आटा, दाल, चावल, मसाला, नमक, आलू, प्याज, माचिस, साबुन आदि खाद्य सामग्री देकर उनके घरों तक पालिका ने अपने वाहनों से भेजा। क्वारंटीन किए गए लोगों में अपार उत्साह व खुशी देखने को मिली।
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क्वारंटीन सेंटर में ठहरे बाहरी डेढ़ सैकड़ा मजदूरों को उनके गृह जनपद भेजा गया
कदौरा। नगर में क्वारंटीन सेंटर में जिला प्रशासन द्वारा सैकड़ों बाहरी मजदूरों को बार्डर सील होने के कारण सुरक्षित तरीके से ठहराकर क्वारंटीन किया गया था लेकिन उक्त मजदूर अन्य दूर जनपद के होने के कारण आए दिन आपत्ति की स्थिति में उन्हें किसी साधन का इंतजाम करते हुए उनके जनपद भिजवाने की व्यवस्था की गई। वहीं मौके पर मौजूद स्वास्थ्य टीम द्वारा सभी मजदूरों की तापमान की जांच भी की गई। ज्ञातव्य हो कि कोरोना संक्रमण बचाव के चलते कुछ जनपद के बार्डर सील होने के कारण जनपद में गत दिन गुजरात मुंबई सहित अलग अलग स्थानों से लौटने वाले मजदूरों का हुजूम कालपी में लग गया था जिनके ठहरने के लिए उचित इंतजाम न हो पाने के कारण प्रशासन द्वारा कदौरा के गफूर खां महाविद्यालय क्वारंटीन सेंटर में ठहराकर सभी मजदूरों को क्वारंटीन किया गया था। वहीं सभी मजदूर अन्य बाहरी जनपद बाहरी के होने के कारण व आपत्ति जताने पर अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार के निर्देश व सरकारी बस का इंतजाम होने पर अधिशाषी अधिकारी सुनील कुमार द्वारा मंगलवार को सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंस के जरिए उनके जनपद भिजवाया गया। वहीं मजदूरों को भेजने से पहले स्वास्थ्य टीम द्वारा सभी मजदूरों के तापमान की जांच की गई। मौके पर ईओ सुनील कुमार, चिकित्सक डा. रश्मि त्रिपाठी, लिपिक राधाबल्लभ चतुर्वेदी, निरीक्षक जितेंद्र सिंह व स्टाफ मौजूद रहा। वहीं ईओ सुनील कुमार द्वारा बताया गया कि शनिवार को आए सभी मजदूरों को क्वारंटीन किया गया था एवं भोजन सहित अन्य व्यवस्थाएं की गई थी। प्रशासन के निर्देश पर सभी दर्ज मजदूरों की जांच करवाकर उनके जनपद भिजवाया गया है जो कि सिद्धार्थ नगर, सुल्तानपुर सहित अन्य अलग अलग जिलों के थे।

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