उरई। पुलिस लाइन्स सभागार में रविवार को एसपी डा. दुर्गेश कुमार ने सभी थानाध्यक्षों के साथ वृहत अपराध समीक्षा गोष्ठी आयोजित की। पुलिस अधीक्षक ने इसमें मुख्य जोर जमानत पर छूटे या सजा पूरी कर रिहा हो चुके पुराने अपराधियों की नियमित निगरानी पर दिया। उन्होंने कहा कि उच्छृंखल कार्रवाइयों में तत्परतापूर्वक प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए तांकि अराजकतत्वों की नई फसल तैयार न होने पाये। उन्होंने कहा कि घटनाओं को छोटी बताकर लापरवाही बरतना कदापि उचित नही है। छोटी घटनाओं से ही बड़े अपराधों की शुरूआत होती है।
अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप वर्मा और सभी सर्किलों के क्षेत्राधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक ने लंबित विवेचनाओं के निस्तारण और वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी के मामले में थानावार रिपोर्ट कार्ड जांचा। विलंबित मामलों की अधिकता के लिए चिन्हित हुए थानाध्यक्षों को उनकी डांट झेलनी पड़ी।
पुलिस अधीक्षक ने बीट प्रणाली की जमीनी स्थिति का जायजा भी लिया। उन्होंने कहा कि बीट प्रणाली माइक्रो ऑब्जर्वेशन का दूसरा नाम है। अगर ईमानदारी से यह प्रणाली गतिमान रखी जाये तो क्राइम रेट में स्वयं गिरावट आ जायेगी। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई पोर्टल के मामलों के निस्तारण के लिए अधिकतम तेजी दिखाई जानी चाहिए। इस बिंदु पर सीएम डैश बोर्ड पर रैकिंग होती हैं। पिछले महीने की रैंकिंग में जिले को टॉप टेन सूची में स्थान मिला है जो सम्मानजनक है लेकिन इतने में संतुष्टि कर लेना पर्याप्त नही है। प्रयास यह हो कि अगले महीने जिला नंबर एक पर स्थान हासिल करे। उन्होंने एतिहाती कार्रवाइयों का भी जायजा लिया। इस बिंदु पर भी लापरवाह थानाध्यक्ष डांटे गये।







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